बाबरी मुकदमा पुनः शुरू
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25 साल बाद एक बार फिर से बाबरी बनाम राम मंदिर
मुकदमा सुप्रीम कोर्ट ने पुनः खोल दिया है और जल्दी ही
लगभग 2 साल में इसका न्याय कर दिया जाएगा।
भारत देश में न्याय प्रणाली में बेहताशा देरी से अनेक लोगो
की जिंदगी बर्बाद हो गई। बेहताशा देरी से मिला न्याय भी
अन्याय के समान हो जाता है। एक आम गरीब आदमी कब
तक कचहरी के चक़्कर काटे। मुकदमा लड़ने के लिए पैसा
कहाँ से लाये ? यह बहुत चिंतनीय विषय है।
राम के देश में राम मंदिर के लिए इतने विघ्न ,बहुत विडंबना
की बात है। सर्व विदित है की मुगलों के समय में सैंकड़ो जैन
एवं हिन्दू मंदिर तोड़े गए। आज भी अनेक ऐतिहासिक स्थानों
पर इस संबंध में पत्थर पर लिखे संदेश मौजूद हैं। दिल्ली में
कुतुबमीनार के परकोटे में आप देख पढ़ सकते हैं की यह
मीनार इतने जैन एवं हिन्दू मंदिर के अवशेष से निर्मित की
गई है।
हिन्दू बहुत सहनशील समाज है। इतने मन्दिरो के टूटने पर
भी आज तक कोई विरोध नहीं ,आंदोलन नहीं ,इसे कहते हैं
सहिष्णुता। फिर भी हिंदू की जो बात करे उसे साम्प्रदायिक
बता दिया जाता है।
यूपी में योगी सरकार के आने के बाद से राम मंदिर की मांग
तेज हो गई है। लेकिन फिर भी योगीजी ने कोर्ट के निर्णय और
आपसी सहमति से यह कार्य पूर्ण करने की बात कही है।
योगीजी की बात का असर भी हो रहा है। हिंदू -मुस्लिम सभी
राम मंदिर निर्माण के लिए आगे आ रहे हैं ,यह बहुत भाई चारे
की बात है।
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