शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

ज्ञानी - अज्ञानी

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उत्तम विचार

उत्तम विचार

अतिक्रमण समस्या

अतिक्रमण हट सकता है ऐसे*** अतिक्रमण सभी छोटे बड़े शहरों की समस्या है। सहारनपुर में भी अतिक्रमण के कारण सभी बाज़ारो में जाम लगा रहता है। प्रशासन यदा कदा जेसीबी लेकर अतिक्रमण हटाने लगता भी है तो वह सिर्फ घण्टाघर से शुरू होकर घण्टाघर पर ही खत्म हो जाता है। अतिक्रमण हटाना है तो सबको मिलजुलकर सहयोग करना होगा। नगर के कुछ बाजार तो गलियारे से बन गए हैं। न दुकानदार ओर न ही ग्राहक अतिक्रमण कम करने की बात सोचते हैं, ऊपर से ठेली वाले दुकानदार जहाँ ग्राहक ने आवाज़ दी वहीँ रोककर खड़े हो जाते हैं, भले ही वहां कितनी ही भीड़ हो। अतिक्रमण हटाना है तो प्रशासन और व्यापारी नेताओं को मिलजुलकर कार्य करना होगा। सभी बाज़ारो में व्यापारी मंडल बने हुए हैं, इन सबको साथ लेकर प्रशासन के द्वारा पहले सभी बाज़ारो में विजिट कर अतिक्रमण की जगह चिन्हित करते हुए चेतावनी देनी चाहिये। ततपश्चात ऐसे ही कुछ दिन सभी बाज़ारो में विजिट करते हुए अतिक्रमण करने वालो को आगाह करते रहकर नियत दिन तक हटाने की चेतावनी देनी चाहिए। नियत दिन पर अतिक्रमण करने वालो पर कार्यवाही करनी चाहिये। ऐसे में सभी बाज़ारो के प्रतिनिधियों को प्रशासन का पूर्ण सहयोग करना ही होगा, तभी अतिक्रमण पूर्णतया हट पायेगा। ज्ञात रहे कि एक कठोर अधिकारी सब कुछ कर सकता है। एक कठोर थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र में कुछ भी कर सकता है। इस सम्बंध में हमारे पूर्व कमिश्नर श्री शुक्ला जी का नाम लिया जा सकता है जिन्होंने सभी बाज़ारो से अतिक्रमण हटवा दिया था। सिर्फ अतिक्रमण हटने से ही नगर की आधी समस्याएं सुलझ सकती है। सुनील जैन राना

शनिवार, 15 जनवरी 2022

जीव दया की भावना में कमी

जीव दया की भावना में कमी भौतिक युग की चकाचौंध में आज इंसान अपने नैतिक मूल्य भूलता जा रहा है। पिछले 25-30 वर्षों में ही इंसान की विचारधारा एवं रहनसहन में बहुत अंतर आ गया है। शहरों के पुराने क्षेत्रो एवं गांव कस्बो में आज भी पुरानी विचारधारा कायम है , लेकिन शहरी क्षेत्र में विचारधारा का आधुनिकीकरण हो गया है। संगठित परिवार, मिलजुल कर रहना, पहली रोटी गाय की, आखिरी रोटी कुत्ते की आदि चर्या का लोप हो रहा है। घुमन्तु गाय, बछड़े आदि की व्यवस्था तो शासन,प्रशाशन ने कर दी है लेकिन कुत्तो को रोटी न मिलने के कारण वे खूंखार होते जा रहे हैं। बोझा ढोने वाले पशुओं पर ज्यादती हो रही है। ज्यादा वजन ढोना, समय पर खाना, पानी न देना,बीमार हो जाने पर उपचार न कराना आदि बातें बढ़ रही हैं। गाय-भैंस पालक नन्हे जन्मे पशु के बछड़ा होते ही धर्य खो बैठते हैं। उसके थोड़ा बड़ा होते ही उसे बेच देते हैं। यह भी नहीं देखते की उसका खरीदार कौन है, वह निश्चित रूप से कसाई ही होता है। हिन्दू समाज मे सिर्फ गाय को गोमाता मान उसके प्रति श्रद्धा भाव रखा जाता है बाकी अन्य पशु पक्षी की दुर्दशा पर ध्यान नही दिया जाता है। इंसानों के लिये देश मे अनेको औषद्यालय हैं लेकिन आवारा, घायल,बीमार पशु पक्षी के लिये बहुत ही कम संख्या में अस्पताल हैं। सहारनपुर में दूर-दूर तक प्रशिद्ध श्री दया सिंधू जीव रक्षा केंद्र में ऐसे पशु पक्षियों का उपचार होता है जिनका कोई नहीं है। ऐसे अस्पताल प्रत्येक शहर,नगर में होने चाहिये। सुनील जैन राना

रविवार, 9 जनवरी 2022

पशु पक्षी कल्याण पखवाड़ा

पशु पक्षी कल्याण पखवाड़ा सहारनपुर, प्रत्येक वर्ष श्री दया सिंधू जीव रक्षा केंद्र द्वारा 15 जनवरी से 30 जनवरी तक पशु पक्षी कल्याण पखवाड़ा बहुत उत्साह से मनाया जाता है। वैसे तो संस्था में जीव दया के कार्य वर्ष भर ही होते हैं। सड़क पर घायल कुत्ते आदि को संस्था में लाकर उपचार किया जाता है एवं उसके रहने ,भोजन पानी की व्यवस्था की जाती है। ठंड से प्रभावित कबूतर आदि को नज़ला व लकवा मार जाता है। कबूतर पालक ऐसे कबूतरों को संस्था मर छोड़ जाते है।संस्था में ऐसे अनेको कबूतरों का उपचार कर बचा लिया जाता है। इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा नगर के विभिन्न क्षेत्रों में बोझा ढोने वाले पशुओं के लिये पशु प्याऊ बनवाये गए है जिनसे प्रतिदिन सैंकड़ो पशु पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं। पखवाड़े में संस्था द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सड़क के किनारे शिविर लगाकर आने जाने वाले पशुओं की जांच कर निःशुल्क उपचार किया जाता है एवम दवाई मलहम आदि दिया जाता है। नगर के कुछ क्षेत्रों में घूम घूम कर आवारा कुत्तों आदि को दूध ब्रेड आदि पिलाये जाते है एवम खारिज़ वाले कुत्तो को दूध में दवाई डालकर पिलाई जाती है। इसके अतिरिक्त जीव दया पर स्कूलों कर बच्चों से डिबेट एवम चित्रकला प्रतियोगिता कराई जाती है। कोरोना के कारण सभी कार्यक्रम संछिप्त रूप से किये जा रहे है। सुनील जैन राना

कोसना है - राजनीति में

शनिवार, 1 जनवरी 2022

सुनील जैन राना

पॉलिटिकल पेट्रोल

पॉलिटिकल पेट्रोल

श्री दया सिंधु जीव रक्षा केंद्र , सहारनपुर

जीव दया पर डिबेट

निःशुल्क पशु -पक्षी चिकित्सा शिविर

कुत्तो की नसबंदी पर सवाल ?

दरी की आत्मकथा

सेना के लिए योगदान

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जीव दया

जीव दया

जीव दया

जीव दया

जीव दया

आकाशवाणी नजीबाबाद

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पुरानी यादें jainism muni images

नववर्ष मंगलमय हो

नववर्ष 2022 सबको मंगलमय हो बीत गया साल पुराना, नये साल में नया फ़साना। बीते दो साल कोरोना की भेंट चढ़ गये। नये साल मेभी कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे रही है। लेकिन हम सभी को आशावादी होना चाहियें की यह नया साल सबके जीवन मे सुख , शांति, सम्रद्धि लायेगा। कोरोना के कारण सम्पूर्ण विश्व मंदी की चपेट में आ गया है। भारत देश भी इससे अछूता नही रहा। मोदी सरकार ने कोरोना काल मे गरीबो को मुफ्त राशन एवम जनता को मुफ्त वैक्सीन लगाने का जिस प्रकार कार्य किया है वह अभूतपूर्व है। यह दोनों ही कार्य सुनने में आसान लगती हैं लेकिन इनके पीछे कितनी बड़ी कार्य योजना एवं सुलभता उपलब्ध कराई गई इसका अंदाजा हर कोई नहीं लगा सकता। बीते वर्ष में व्यापार,उद्योग धंधे मन्दे हो गए थे, अब उनमे फिर से जान आ गई है। महँगाई जरूर बढ़ी है लेकिन हर हाथ मे पैसा है। विपक्ष बेरोजगारी का रोना रोता है लेकिन यदि हम अपने आसपास देंखे तो हमे कोई भी खाली दिखाई नही देता। कोई मजदूरी कर रहा है तो कोई ठेली लगाकर कमाई कर रहा है। सरकार हर वर्ग के लिये कार्य कर रही है। अनेको प्रकार की सुविधाएं दी रही है। उद्योग,व्यापार जगत में अनेको सुविधाएं भी हैं तो कुछ दुविधायें भी हैं। कठोर नियमों के कारण भ्र्ष्टाचार बढ़ गया है। सरकार को प्रत्येक प्रकार के नियमो का सरलीकरण करना चाहिये। ऐसा करने से भ्र्ष्टाचार भी कम होगा और उद्योग,व्यापार में तेज़ी भी आयेगी। सुनील जैन राना

वरिष्ठ नागरिक

*ध्यान से पढ़ें* *कृपया पढ़ना न छोड़ें* *👏जब बूढ़े लोग बहुत अधिक बात करते हैं तो उनका मजाक उड़ाया जाता है, लेकिन डॉक्टर इसे आशीर्वाद के...