भारत अकेला चीन का सामना नहीं कर सकता लेकिन मोदीजी के नेत्तृव में आज अमेरिका समेत विश्व के कई बड़े देश चीन की दग़ाबाज़ी से परेशान होकर संयुक्त रूप से भारत का साथ देने को तैयार हैं। यही नहीं अपने आधुनिकतम हथियार एवं लड़ाकू जहाज भी भारत को दे रहे हैं। गलवान घाटी में पिटने के बाद चीन भले ही शांति का दिखावा कर रहा हो पर चीन कब विश्वासघात कर बैठे कोई भरोसा नहीं। भारतीय व्यापार बंदिशों से बौखलायें चीन पर भरोसा करना कतई ठीक नहीं है। यही उचित समय है सभी देश मिलकर लोमड़ी से चालाक चीन से अपनी-अपनी भूमि मुक्त करायें और चीन का सामना कर उसे उसकी औकात दिखायें।
चीन के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना इतना जरूर करे की जानें -अनजानें कुछ बम नापाक की धरती की तरफ़ भी धकेल दे। भारत से दुश्मनी के कारण पाकिस्तान के नेता चीन को अपना ईमान -सामान सब बेच रहे हैं। नापाक नेता अपनी आवाम की भलाई का धन एटम बमों में लगाया बताकर खुद खा जाते हैं और आवाम को महंगाई -बेइजत्ती से रहने को मज़बूर कर रहे हैं। जबकि उनके आधे अधूरे एटम बम किसी लायक नहीं हैं, यदि उनमें से एक भी चलाया तो वह वहीं फट जायेगा ,लेकिन फिर भी नापाक नेता अनर्गल बयानबाज़ी से बाज़ नहीं आ रहे।
यही उचित समय है चीन विरोधी सभी देशों को मिलकर चीन को उसकी औकात बताने का। अभी नहीं तो फिर कभी नहीं। *सुनील जैन राना *