सच हुआ लिखना - WHO के चेयरमैन बने हर्षवर्धन
May 23, 2020 • सुनील जैन राना • राजनीति
सच हुआ लिखना, 2 मई को WHO पर एक लेख लिखा था जो साकार हुआ। WHO वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन की बागडौर भारत के हाथ में आ गई है। भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी ने WHO एक्जीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन का प्रभार ग्रहण कर लिया है। शुक्रवार को पद ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा की वर्तमान में कोविड -19 महामारी से जूझते विश्व को महामारी से पार लगाना है।
चीन के वुहान से विश्व भर में फैला कोरोना वायरस की जांच में WHO पर चीन के दबाब में कार्य करने और जांच को प्रभावित करने के आरोप अमेरिका समेत दर्जनों देश WHO पर लगा चुके हैं। ऐसे में 34 सदस्यीय विश्व स्वास्थ्य संगठन का चेयरमैन पद की बागडौर भारत के हाथों में आना हम सबके लिए गौरव की बात है।
कोरोना वायरस महामारी की लड़ाई में मोदीजी के नेत्तृव में भारत अगुआ देश बनकर सामने आया है। भारत द्वारा सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों को दवाईयां एवं अन्य जरूरी उपकरण उपलब्ध कराये हैं। भारत के इस कार्य को विश्व भर में सराहना मिली है।
अब ऐसा लगता है मोदीजी ने जैसे भारतीय योग को विश्वभर में पहचान दिलाई उसी प्रकार एलोपैथी के साथ साथ भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्द्ति आयुर्वेद को भी विश्वभर में पहचान मिलेगी। कोरोना से लड़ने में आयुर्वेद के नुख्शों की भी अहम भूमिका रही है।
हमनें politicalpetrol.page पर WHO नहीं - अब WHF जिसकी बागडौर भारत के हाथों में हो शीर्षक से लेख लिखा था। अब यह लेख ,यह सपना साकार हो गया है। मोदीजी हैं तो मुमकिन है। *सुनील जैन राना * सहारनपुर -247001
चीन के वुहान से विश्व भर में फैला कोरोना वायरस की जांच में WHO पर चीन के दबाब में कार्य करने और जांच को प्रभावित करने के आरोप अमेरिका समेत दर्जनों देश WHO पर लगा चुके हैं। ऐसे में 34 सदस्यीय विश्व स्वास्थ्य संगठन का चेयरमैन पद की बागडौर भारत के हाथों में आना हम सबके लिए गौरव की बात है।
कोरोना वायरस महामारी की लड़ाई में मोदीजी के नेत्तृव में भारत अगुआ देश बनकर सामने आया है। भारत द्वारा सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों को दवाईयां एवं अन्य जरूरी उपकरण उपलब्ध कराये हैं। भारत के इस कार्य को विश्व भर में सराहना मिली है।
अब ऐसा लगता है मोदीजी ने जैसे भारतीय योग को विश्वभर में पहचान दिलाई उसी प्रकार एलोपैथी के साथ साथ भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्द्ति आयुर्वेद को भी विश्वभर में पहचान मिलेगी। कोरोना से लड़ने में आयुर्वेद के नुख्शों की भी अहम भूमिका रही है।
हमनें politicalpetrol.page पर WHO नहीं - अब WHF जिसकी बागडौर भारत के हाथों में हो शीर्षक से लेख लिखा था। अब यह लेख ,यह सपना साकार हो गया है। मोदीजी हैं तो मुमकिन है। *सुनील जैन राना * सहारनपुर -247001
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