टीवी न्यूज़ चैनल देखना हुआ भारी
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वैसे तो हमेशा से ही टीवी न्यूज़ चैनलों पर हंगामा सा मचा रहता है ,लेकिन आज कल कुछ ज्यादा ही हंगामा मचा हुआ है। कश्मीर से धारा 370 क्या हटाई गई सभी टीवीचैनलों को गला साफ़ करने का
मंत्र मिल गया हो जैसे।
डिबेट में कई दलों के प्रवक्ता ,विषेशज्ञ ,कुछ बुद्धिजीवी बुला लेते हैं। ऊपर से यह की एक पाकिस्तानी को बुला लेते हैं। फिर जो डिबेट शुरू होती है उसे हम हंगामा भी कह सकते हैं। पता नहीं क्यों ये चैनल
वाले पाकिस्तानियों को बुलाते हैं। वे आते हैं और बकवास कर चले जाते हैं। इन्हे बुलाना नहीं चाहिए।
पाकिस्तान बौखलाया हुआ पुरे विश्व में जलील होकर अब युध्द की धमकी देने लगा है। सभी जानते हैं
पाकिस्तान के अंदरूनी हालात। घर में नहीं खाने को -नापाक़ चला भुनाने को। पाकिस्तान में वहां की
आवाम ही इमरान सरकार की नीतियों से परेशान होकर गालियां दे रही है। आधी जनता को भरपेट रोटी भी नसीब नहीं हो रही है। जनता महंगाई से त्रस्त है। ऐसे में इमरान खान भारत को युध्द की धमकी दे रहे हैं। पाकिस्तान में जब से इमरान खान की सरकार आयी है तभी से वहां के हाल बेहाल हैं। आते ही
उन्होंने सरकारी गाड़ियां बेच डाली ,भैंसे बेच डाली ,चीन को गधे बेच रहा ,अब चीन को कुत्ते और मुर्गी
बेचने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में इमरान का भारत से पंगा लेना ऐसा ही है जैसे *आ बैल मुझे मार *
जरा सी युध्द की बात होते ही हमारा टीवी मिडिया दोनों देशों के पास होने वाले हथियारों का तुलनात्मक
जखीरा बताना ऐसे शुरू करता है जैसे दोनों देशों के अजयबघरों में हथियार रखे हो। यह बहुत ही गलत
प्रकिर्या है। सरकार को इस पाबंदी लगानी चाहिए। विश्व के सभी देशों को अपनी सामर्थ बताना ठीक नहीं है। चलो माना की पाकिस्तान से ज्यादा हथियार भारत के पास हैं लेकिन पाकिस्तान के पीछे चीन खड़ा है तो चीन के हथियारों का कैसे मुकाबला कर सकता है भारत ?यह सोचना चाहिए।
टीवी पर डिबेट आदि में पक्ष -विपक्ष को बुलाना ,पांच पार्टी के वक्ताओं को बुलाना ,ऊपर से किसी बाहरी नापाक़ को बुलाना ठीक नहीं है। चुनावों के समय सभी दलों को अपनी बात कहने को बुलाये तब भी ठीक है लेकिन देश के ऐसे मुददे पर सिर्फ सामरिक विशेषज्ञों आदि को ही बुलाना चाहिए।
*सुनील जैन राना* (सम्पादक )पॉलिटिकल पेट्रोल https://www.facebook.com/politicalpetrol?ref=hl