श्री श्रुत पंचमी महोत्सव
----------------------------
जैन धर्म में श्री श्रुतपंचमी का बहुत महत्व है। इस दिन महान आचार्य १०८ श्रीधरसेन के प्रमुख शिष्य आचार्यदय श्री भूतबली एवं श्री पुष्पदंत द्वारा लिपिबद्ध प्रथम श्रुत स्कंध श्री षट खण्डागम की स्थापना आज के परम् पावन दिवस पर हुई थी।
यह मंदिर जी श्री जम्बू दास जी जैन रईस जी का है। बहुत ही भव्य -दिव्य मंदिर जी में बेहतरीन चित्रकारी ,सोने का कार्य ,संगेमरमर के खम्बे और फर्श आदि सभी कुछ सुंदर है ,साथ ही तीनों बेदी में विराजमान भव्य प्रतिमाजी पाषाण -अष्ट धातु -स्फटिक एवं रत्नों की बनी विराजमान हैं।
आज के दिन ऐसे अमूल्य ग्रंथो की पूजा अर्चना करने का सौभाग्य मिल जाता है। जय जिनेन्द्र।
*सुनील जैन राना *
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें