शनिवार, 9 फ़रवरी 2019



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कल बसंत पंचमी है। देश में अनेको जगह इस दिन पतंगबाज़ी होती है। पतंगबाज़ी तो ठीक है लेकिन विडंबना की बात यह है की मांझे में चाइनीज मांझा उपयोग होने लगा है। यह मांझा इतना खतरनाक है की बच्चे -बड़े से लेकर पशु -पक्षी तक इसकी चपेट में आकर घायल हो रहे हैं।

चाइनीज मांझे से कबूतर का तो पंख कट ही जाता है। यहां तक की चील जैसे मजबूत पक्षी भी घायल हो रहे हैं। आज ही श्री दया सिंधु जिव रक्षा केंद्र -सहारनपुर में चायनीज मांझे से घायल चील लाई गई। यहां उसका उपचार तो शुरू कर दिया गया लेकिन अब इसका पंख जुड़ नहीं पायेगा। दुर्भाग्य की बात यह भी है की संस्था में हम उसको उसके लायक भोजन भी नहीं दे सकते। क्योंकि चील मांसाहारी होती है ,हम मांसाहार दे नहीं सकते। ऐसे में हम उसको एक दो दिन उपचार कर किसी सुरक्षित जगह छोड़ देंगे।

हमारा सभी जनमानस से निवेदन है की अपने बच्चो को चाइनीज मांझा न खरीदने दे। जब मांझा बिकेगा ही नहीं तो दुकानदार भी रहना छोड़ देगा। सेशन -प्रसाशन भी चायनीज मांझे की बिक्री पर बंदिश तो लगता है लेकिन फिर भी यह मांझा बिक रहा है। ऐसे में हम सब का भी कर्तव्य है की हम इसे न खरीदें।

निवेदक , सुनील जैन राना (संयोजक ) https://www.facebook.com/jeevrakshakendra


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