नये डिज़ाइन के सिक्के बनेंगे -पता नहीं क्यों ?
-------------------------------------------------------
प्राप्त समाचारों के अनुसार भारत सरकार एक रूपये से लेकर दस रूपये तक के सभी सिक्को को नये डिज़ाइन में बदलने की तैयारी कर रही है। जबकि रिज़र्व बैंक के द्वारा बीस रूपये के नये नोट की तैयारी अपने अंतिम चरण में थी उसको भी अब कागज की अधिक खपत के कारण अब बीस रूपये का सिक्का बाजार में लाया जायेगा।
सरकार का निर्णय है तो ऐसा होगा ही लेकिन आज देश में सिक्कों की अधिकता से सभी परेशान हैं। आम आदमी -व्यापारी -बैंक आदि सभी बेहताशा सिक्कों के प्रचलन से परेशान हैं। आम आदमी -व्यापारी अपने पास सिक्के रखना चाहता नहीं ,बैंक सिक्के लेता नहीं। ऐसे में सरकार द्वारा नये सिक्के बनाने का एलान ठीक नहीं लगता।
देश में पहले ही कई -कई डिज़ाइन के हर मेल के सिक्के प्रचलन में हैं। कुछ सिक्को को तो नकली बताकर लेनदेन से बाहर किया जा रहा है। दस रूपये के एक डिज़ाइन के सिक्के कोई लेता नहीं। ऐसे में पुनः सभी मेल के नये सिक्के बनाने का क्या ओचित्य है समझ में नहीं आता ?
बीस रूपये का नया नोट कागज की कमी बताकर बनाया नहीं जा रहा जबकि इससे पहले एक रूपये का नया नोट बाजार में उतार दिया गया जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। अब यदि जरूरत है तो एक हज़ार के नोट की है। आज आम आदमी को दो हज़ार के नोट को भुनाने में बहुत परेशानी होती है।
सभी बात का अभिप्राय यह है की देह में सिक्को की भरमार है। सिक्को की अधिकता से सभी परेशान हैं। ऐसे में फिर से नये सिक्के बनाने का कोई औचित्य समझ में नहीं आता है।
http://suniljainrana.blogspot.com/
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें