दलबदल की राजनीति
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चुनावों के मौसम में चल रही दलबदल
की राजनीति, जिससे हो रही जनता की
ऐसी की तैसी। नेताजी के समर्थक नही
जानते की वे किस पार्टी में हैं ,क्योंकि
कुछ पता नही उनके नेता कब पाला
बदल ले ?
नवजोत सिध्धू ने बीजेपी छोड़ी। जा रहे
थे केजरीवाल की आप में,लेकिन आप
वालो ने भाव नही दिया तो जा पहुँचे
कांग्रेस में। पहले देते थे कांग्रेस को
गालियाँ ,अब कहते हैं की मैं तो जन्मजात
कांग्रेसी हूँ।
यूपी के तो समाजवाद में ही बिखराव
हो गया। पिता मुलायम पर बेटा अखिलेश
भारी पड़ गया। उधर 27 साल जंगलराज
का नारा देने वाली कांग्रेस ने अपनी आबरू
बचाने को कथित जंगलराज वालो से ही
एक चौथाई से कम सीटों पर सुलह कर ली।
बस बीजेपी बहुमत से ना जीत जाये सभी
विरोधाभास के बावजूद इकट्ठे होना चाह रहे।
यही है डेमोक्रेसी -जिसमें जनता की हो रही
ऐसी की तैसी ?
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