मंगलवार, 1 अक्तूबर 2024
हिंदी ही हमवतन है
लुप्त होते गीत : एक ज्वलंत समस्या
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
साहित्यिक जिहाद के स्वनाम समर्थकों
जरा सोचिए और चिंतन-मंथन कीजिए।
वास्तव में गुपचुप - गुपचुप हिन्दी के
विरुद्ध एक "साहित्यिक जिहाद" चलता
आ रहा है । ग़ज़ल के हथियार से हिन्दी
काव्य की विधाओं की हत्या की जा रही
है । फिल्में, दूरदर्शन, आकाशवाणी तो
इस दिशा में अहम भूमिका निभा ही रहे
हैं, किंतु नाम, दाम के हाथों बिके हुए
हम लोग भी हिन्दी गीतों, दोहों, छंदों,
मुक्तकों,कुंडलियों,क्षणिकाओऔर गद्य
कविताओं आदि की हत्या करने में पीछे
नहीं हैं । जहां देखो, वहां १०-२० ग़ज़ल
कहने वाले निकल आयेंगे,भले ही उन्हें
ग़ज़ल की बहर, रुक्न, तख्ती, उरूज़,
रदीफ, काफिये का सही ज्ञान न हो ।
इन ग़ज़ल-गो के समक्ष हिन्दी काव्य के
नाम पर इक्का - दुक्का ही मिलेंगे जो
हिन्दी की उपरोक्त विधाओं को जिंदा
रक्खे हुए हैं । कुछ और वर्ष बाद जब
ये भी पूर्ववर्ती हिन्दी पोषकों, पालकों
की तरह चले जायेंगे तो हिन्दी काव्य
शास्त्र स्वत: ही समाप्त हो जाएगा ।
तब राजभाषा हिन्दी, राष्ट्रभाषा हिन्दी
और अंतरराष्ट्रीय भाषा हिन्दी के नारे
लगाते रहिएगा । आने वाली पीढ़ियां
गीतों को ढूंढती रह जायेंगी ।
🤔 🤔 🤔 🤔 🤔 🤔 🤔 🤔 🤔
---------------------- इंद्रदेव भारती
सोमवार, 30 सितंबर 2024
शनिवार, 28 सितंबर 2024
नालन्दा विश्वविद्यालय
।।----- नालंदा विश्वविद्यालय की कुछ खास रहस्य -----।।
नालंदा यूनिवर्सिटी - अभी तक के ज्ञात इतिहास की सबसे महान यूनिवर्सिटी ।
आज भले ही भारत शिक्षा के मामले में 191 देशों की लिस्ट में 145वें नम्बर पर हो लेकिन कभी यहीं भारत दुनियाँ के लिए ज्ञान का स्रोत हुआ करता था। आज सैकड़ो छात्रों पर केवल एक अध्यापक उपलब्ध होते हैं वहीं हजारों वर्ष पहले इस विश्वविद्यालय के वैभव के दिनों में इसमें 10,000 से अधिक छात्र और 2,000 शिक्षक शामिल थे यानी कि केवल 5 छात्रों पर एक अध्यापक ..। नालंदा में आठ अलग-अलग परिसर और 10 मंदिर थे, साथ ही कई अन्य मेडिटेशन हॉल और क्लासरूम थे। यहाँ एक पुस्तकालय 9 मंजिला इमारत में स्थित था, जिसमें 90 लाख पांडुलिपियों सहित लाखों किताबें रखी हुई थीं । यूनिवर्सिटी में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस, मंगोलिया समेत कई दूसरे देशो के स्टूडेंट्स भी पढ़ाई के लिए आते थे। और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि उस दौर में यहां लिटरेचर, एस्ट्रोलॉजी, साइकोलॉजी, लॉ, एस्ट्रोनॉमी, साइंस, वारफेयर, इतिहास, मैथ्स, आर्किटेक्टर, भाषा विज्ञानं, इकोनॉमिक, मेडिसिन समेत कई विषय पढ़ाएं जाते थे।
इसका पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था जिसमें प्रवेश के लिए एक मुख्य द्वार था। उत्तर से दक्षिण की ओर मठों की कतार थी । केन्द्रीय विद्यालय में सात बड़े कक्ष थे और इसके अलावा तीन सौ अन्य कमरे थे। इनमें व्याख्यान हुआ करते थे। मठ एक से अधिक मंजिल के होते थे प्रत्येक मठ के आँगन में एक कुआँ बना था। आठ विशाल भवन, दस मंदिर, अनेक प्रार्थना कक्ष तथा अध्ययन कक्ष के अलावा इस परिसर में सुंदर बगीचे तथा झीलें भी थी। इस यूनिवर्सटी में देश विदेश से पढ़ने वाले छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा भी थी ।
यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा इतनी कठिन होती थी की केवल विलक्षण प्रतिभाशाली विद्यार्थी ही प्रवेश पा सकते थे। यहां आज के विश्विद्यालयों की तरह छात्रों का अपना संघ होता था वे स्वयं इसकी व्यवस्था तथा चुनाव करते थे। छात्रों को किसी प्रकार की आर्थिक चिंता न थी। उनके लिए शिक्षा, भोजन, वस्त्र औषधि और उपचार सभी निःशुल्क थे। राज्य की ओर से विश्वविद्यालय को दो सौ गाँव दान में मिले थे, जिनसे प्राप्त आय और अनाज से उसका खर्च चलता था।
लगभग 800 सालों तक अस्तित्व में रहने के बाद इस विश्वविद्यालय को तहस नहस कर दिया ।।
ख़ुश वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 युक्तियाँ.❤️ 1. सुबह-सुबह, यदि आपकी नींद अलार्म घड़ी, मोबाइल फ़ोन, पक्षियों की चहचहाहट या अन्य शोर से खुल जाती है, तो ख़ुश हो जाइए और खुद को भाग्यशाली मानिएगा। इसका मतलब है कि आप अभी भी इस दुनियां का हिस्सा हैं। 2. जागने के बाद, थोड़ा पानी पिएं और उन लोगों को संदेश भेजें जिन्हें आप जानते हैं, प्यार करते हैं और जिनकी आप परवाह करते हैं। उन्हें नमस्कार करें, "सुप्रभात।" इसका मतलब है कि आप स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं और स्वस्थ हैं। आप एक नए और ख़ूबसूरत दिन की शुरुआत कर सकते हैं। 3. आपको दोस्तों से टेक्स्ट संदेश और कॉल प्राप्त होते हैं जो आपको एक साथ भोजन करने या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसका मतलब है कि आप मिलनसार हैं और लोगों के साथ आपके अच्छे संबंध हैं। आपके दोस्त अभी भी आपके बारे में सोच रहे हैं। 4. कभी-कभी, कुछ लोग आपकी बुराई कर सकते हैं या आपकी पीठ पीछे चुगली कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अभी भी उनके दिलों में बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वे निश्चित रूप से जीवन में आपके जैसा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। आपको ख़ुश और भाग्यशाली महसूस करना चाहिएं। 5. यदि आप अधिक वज़न होने के बारे में चिंतित हैं, तो आप बहुत अच्छा खा रहे हैं, और आपका भोजन स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर है। चिंता मत करो। स्वस्थ जीवन, लंबे जीवन और मजबूत प्रतिरक्षा के बारे में सभी स्वास्थ्य संबंधी बातें भोजन पर आधारित हैं। बस नियंत्रण रखें और बाकी सब कुछ संयमित रखें। 6. यदि आप अक़्सर दोस्तों के साथ बाहर जाते हैं, खाना खाते हैं, बातें करते हैं, यात्रा करते हैं और जगहें देखते हैं और आपके वातावरण में बदलाव आता है, तो यह साबित करता है कि आपके जीवन जीने के तरीके में कुछ मानक हैं। 7. यदि विपरीत लिंग को देखकर या उससे बात करते समय आपके मन में भावनाएँ आती हैं, तो शर्म महसूस नां करें। इसका मतलब है कि आप दिल से जवान हैं और बहुत स्वस्थ हैं। 8. यदि आप 65 पार कर चुके हैं तो ख़ुश और संतुष्ट रहें। एक विश्व सर्वेक्षण के अनुसार, 100 में से केवल 8 लोग ही 65 वर्ष से अधिक जीवित रहते हैं। 9. यदि आप बाहर जा सकते हैं और सामग्री खरीद सकते हैं और खाना बना सकते हैं, आप अच्छी तरह से देखते हैं, अच्छी तरह से सुनते हैं, टेक्स्ट संदेश भेजने के लिए अपने मोबाइल फोन का उपयोग करना जानते हैं, अपनी यादों के बारे में लिखते हैं, एक कहानी लिखते हैं, और ख़ुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं। आपका जीवन बहुत सफल रहा है. 10. यदि आप यह संदेश पढ़ रहे हैं और आपके चेहरे पर मुस्कान है, तो आप बहुत खुश, संतुष्ट और संतुष्ट व्यक्ति हैं। यदि आप इस संदेश को दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं, तो इसका मतलब है कि आप स्वार्थी नहीं हैं; आप दयालु हैं; आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो मानव जाति की परवाह करते हैं और उससे प्यार करते हैं। आइए सेवानिवृत्त मित्र इस संदेश को पढ़ें और खुशियाँ फैलाएँ। 😇😊
ख़ुश वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 युक्तियाँ.❤️
1. सुबह-सुबह, यदि आपकी नींद अलार्म घड़ी, मोबाइल फ़ोन, पक्षियों की चहचहाहट या अन्य शोर से खुल जाती है, तो ख़ुश हो जाइए और खुद को भाग्यशाली मानिएगा। इसका मतलब है कि आप अभी भी इस दुनियां का हिस्सा हैं।
2. जागने के बाद, थोड़ा पानी पिएं और उन लोगों को संदेश भेजें जिन्हें आप जानते हैं, प्यार करते हैं और जिनकी आप परवाह करते हैं। उन्हें नमस्कार करें, "सुप्रभात।" इसका मतलब है कि आप स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं और स्वस्थ हैं। आप एक नए और ख़ूबसूरत दिन की शुरुआत कर सकते हैं।
3. आपको दोस्तों से टेक्स्ट संदेश और कॉल प्राप्त होते हैं जो आपको एक साथ भोजन करने या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसका मतलब है कि आप मिलनसार हैं और लोगों के साथ आपके अच्छे संबंध हैं। आपके दोस्त अभी भी आपके बारे में सोच रहे हैं।
4. कभी-कभी, कुछ लोग आपकी बुराई कर सकते हैं या आपकी पीठ पीछे चुगली कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अभी भी उनके दिलों में बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वे निश्चित रूप से जीवन में आपके जैसा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। आपको ख़ुश और भाग्यशाली महसूस करना चाहिएं।
5. यदि आप अधिक वज़न होने के बारे में चिंतित हैं, तो आप बहुत अच्छा खा रहे हैं, और आपका भोजन स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर है। चिंता मत करो। स्वस्थ जीवन, लंबे जीवन और मजबूत प्रतिरक्षा के बारे में सभी स्वास्थ्य संबंधी बातें भोजन पर आधारित हैं। बस नियंत्रण रखें और बाकी सब कुछ संयमित रखें।
6. यदि आप अक़्सर दोस्तों के साथ बाहर जाते हैं, खाना खाते हैं, बातें करते हैं, यात्रा करते हैं और जगहें देखते हैं और आपके वातावरण में बदलाव आता है, तो यह साबित करता है कि आपके जीवन जीने के तरीके में कुछ मानक हैं।
7. यदि विपरीत लिंग को देखकर या उससे बात करते समय आपके मन में भावनाएँ आती हैं, तो शर्म महसूस नां करें। इसका मतलब है कि आप दिल से जवान हैं और बहुत स्वस्थ हैं।
8. यदि आप 65 पार कर चुके हैं तो ख़ुश और संतुष्ट रहें। एक विश्व सर्वेक्षण के अनुसार, 100 में से केवल 8 लोग ही 65 वर्ष से अधिक जीवित रहते हैं।
9. यदि आप बाहर जा सकते हैं और सामग्री खरीद सकते हैं और खाना बना सकते हैं, आप अच्छी तरह से देखते हैं, अच्छी तरह से सुनते हैं, टेक्स्ट संदेश भेजने के लिए अपने मोबाइल फोन का उपयोग करना जानते हैं, अपनी यादों के बारे में लिखते हैं, एक कहानी लिखते हैं, और ख़ुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं। आपका जीवन बहुत सफल रहा है.
10. यदि आप यह संदेश पढ़ रहे हैं और आपके चेहरे पर मुस्कान है, तो आप बहुत खुश, संतुष्ट और संतुष्ट व्यक्ति हैं।
यदि आप इस संदेश को दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं, तो इसका मतलब है कि आप स्वार्थी नहीं हैं; आप दयालु हैं; आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो मानव जाति की परवाह करते हैं और उससे प्यार करते हैं।
आइए सेवानिवृत्त मित्र इस संदेश को पढ़ें और खुशियाँ फैलाएँ। 😇😊
गुरुवार, 26 सितंबर 2024
परमात्मा से मिलन
*🙏🌹ॐ सुप्रभात🌹🙏*
*🌻मै कौन हूं ?🌻*
एक संन्यासी सारी दुनिया की यात्रा करके भारत वापिस लौटा था | एक छोटी सी रियासत में मेहमान हुआ।उस रियासत के राजा ने जाकर संन्यासी को कहा :- स्वामी !! एक प्रश्न बीस वर्षो से निरंतर पूछ रहा हूं कोई उत्तर नहीं मिलता।क्या आप मुझे उत्तर देंगे ?
स्वामी ने कहा :- निश्चित दूंगा।
उस संन्यासी ने उस राजा से कहा : नहीं !! आज तुम खाली नहीं लौटोगे | पूछो ?
उस राजा ने कहा : मैं ईश्वर से मिलना चाहता हूं | ईश्वर को समझाने की कोशिश मत करना | मैं सीधा मिलना चाहता हूं |
उस संन्यासी ने कहा :- अभी मिलना चाहते हैं कि थोड़ी देर ठहर कर ?
राजा ने कहा : माफ़ करिए !! शायद आप समझे नहीं | मैं परम पिता परमात्मा की बात कर रहा हूं ! आप यह तो नहीं समझे कि किसी ईश्वर नाम वाले आदमी की बात कर रहा हूं ;जो आप कहते हैं कि अभी मिलना है कि थोड़ी देर रुक सकते हो ?
उस संन्यासी ने कहा :- महानुभाव !! भूलने की कोई गुंजाइश नहीं है | मैं तो चौबीस घंटे परमात्मा से मिलाने का धंधा ही करता हूं | अभी मिलना है कि थोड़ी देर रुक सकते हैं,सीधा जवाब दें |
बीस साल से मिलने को उत्सुक हो और आज वक्त आ गया तो मिल लो |राजा ने हिम्मत की , उसने कहा : अच्छा मैं अभी मिलना चाहता हूं मिला दीजिए |
संन्यासी ने कहा:- *कृपा करो !! इस छोटे से कागज पर अपना नाम पता लिख दो ताकि मैं भगवान के पास पहुंचा दूं कि आप कौन हैं !!*
राजा ने लिखा-अपना नाम , अपना महल,अपना परिचय , अपनी उपाधियां और उसे दीं |
वह संन्यासी बोला कि महाशय , ये सब बाते मुझे झूठ और असत्य मालूम होती हैं जो आपने कागज पर लिखीं !!
उस संन्यासी ने कहा : मित्र !! अगर तुम्हारा नाम बदल दें तो क्या तुम बदल जाओगे ?
तुम्हारी चेतना,तुम्हारी सत्ता , तुम्हारा व्यक्तित्व दूसरा हो जाएगा ?उस राजा ने कहा :- नहीं !! नाम के बदलने से मैं क्यों बदलूंगा ? नाम नाम है , मैं मैं हूं |
तो संन्यासी ने कहा : एक बात तय हो गई कि नाम तुम्हारा परिचय नहीं है , क्योंकि तुम उसके बदलने से बदलते नहीं | आज तुम राजा हो कल गांव के भिखारी हो जाओ तो बदल जाओगे ?
उस राजा ने कहा : नहीं,राज्य चला जाएगा,भिखारी हो जाऊंगा, लेकिन मैं क्यों बदल जाऊंगा ? मैं तो जो हूं | राजा होकर जो हूं,भिखारी होकर भी वही होऊंगा |
न होगा मकान,न होगा राज्य , न होगी धन- संपति,लेकिन मैं ? मैं तो वही रहूंगा जो मैं हूं |
तो संन्यासी ने कहा : तय हो गई दूसरी बात कि राज्य तुम्हारा परिचय नहीं है,क्योंकि राज्य छिन जाए तो भी तुम बदलते नहीं | तुम्हारी उम्र कितनी है ?
उसने कहा : चालीस वर्ष |
संन्यासी ने कहा : तो पचास वर्ष के होकर तुम दूसरे हो जाओगे ? बीस वर्ष या जब बच्चे थे तब दूसरे थे ?
उस राजा ने कहा :- नही | उम्र बदलती है,शरीर बदलता है लेकिन मैं ? मैं तो जो बचपन में था जो मेरे भीतर था,वह आज भी है |
उस संन्यासी ने कहा : फिर उम्र भी तुम्हारा परिचय न रहा,शरीर भी तुम्हारा परिचय न रहा |
फिर तुम कौन हो ? उसे लिख दो तो पहुंचा दूं भगवान के पास,नहीं तो मैं भी झूठा बनूंगा तुम्हारे साथ !! यह कोई भी परिचय तुम्हारा नहीं है|
राजा बोला :- तब तो बड़ी कठिनाई हो गई | उसे तो मैं भी नहीं जानता फिर ! जो मैं हूं,उसे तो मैं नहीं जानता ! इन्हीं को मैं जानता हूं मेरा होना |
उस संन्यासी ने कहा : फिर बड़ी कठिनाई हो गई क्योंकि जिसका मैं परिचय भी न दे सकूं,बता भी न सकूं कि कौन मिलना चाहता है ! तो भगवान भी क्या कहेंगे कि किसको मिलना चाहता है ?
तो जाओ पहले इसको खोज लो कि *तुम कौन हो?* और मैं तुमसे कहे देता हूं कि जिस दिन तुम यह जान लोगे कि तुम कौन हो ? उस दिन तुम आओगे नहीं भगवान को खोजने |क्योंकि खुद को जानने में वह भी जान लिया जाता है जो परमात्मा है |l
हरि बोल
*👉अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है।*
*🌻हम बदलेंगे,युग बदलेगा।🌻*
*आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।*🙏💐
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