शनिवार, 29 नवंबर 2025

ओषधि सिर्फ दवाई नहीँ

*औषधि क्या हैं?* 
1. जल्दी सोना और जल्दी उठना औषधि है। 
2. सुबह ईश्वर का स्मरण औषधि है। 
3. योग, प्राणायाम और व्यायाम औषधि हैं। 
4. सुबह और शाम की सैर भी औषधि है। 
5. उपवास सभी रोगों की औषधि है। 
6. सूर्य का प्रकाश भी औषधि है। 
7. घड़े का पानी पीना औषधि है। 
8. ताली बजाना भी औषधि है। 
9. अच्छी तरह चबाना औषधि है। 
10. पानी पीना और ध्यानपूर्वक भोजन करना औषधि है। 
11. भोजन के बाद वज्रासन में बैठना औषधि है। 
12. प्रसन्न रहने का निर्णय लेना औषधि है। 
13. कभी-कभी मौन रहना भी औषधि है। 
14. हँसी-मजाक औषधि है। 
15. संतोष औषधि है। 
16. मन और शरीर की शांति औषधि है। 
17. ईमानदारी और सकारात्मकता औषधि है। 
18. निस्वार्थ प्रेम और भावनाएँ भी औषधि हैं। 
19. दूसरों का भला करना औषधि है। 
20. पुण्य देने वाला काम करना ही औषधि है। 
21. दूसरों के साथ मिल-जुलकर रहना ही औषधि है। 
22. खाना-पीना और परिवार के साथ समय बिताना ही औषधि है। 
23. हर सच्चा और अच्छा दोस्त बिना पैसों के एक पूरा मेडिकल स्टोर है। 
24. मस्त, व्यस्त, स्वस्थ और उत्साही रहना ही औषधि है। 
25. हर नए दिन का पूरा आनंद लेना ही औषधि है। 
26. *अंततः...* किसी को यह संदेश भेजकर एक नेक काम करने की खुशी भी औषधि है। *प्रकृति की महानता* को समझना ही औषधि है। ये सभी औषधियाँ बिना किसी दुष्प्रभाव के पूरी तरह निःशुल्क हैं!! यह संदेश प्रेम और दुनिया में जागरूकता फैलाने की इच्छा से भेजा गया है।

*What are Medicines?*

1. Sleeping early and waking up early is medicine.
2. Remembering God in the morning is medicine.
3. Yoga, pranayama, and exercise are medicines.
4. Morning and evening walks are also medicines.
5. Fasting is medicine for all diseases.
6. Sunlight is also medicine.
7. Drinking clay-pot water is a medicine.
8. Clapping hands is also medicine.
9. Chewing well is medicine.
10. Drinking water and eating mindfully are medicines.
11. Sitting in vajrasana after eating is medicine.
12. Deciding to be happy is medicine.
13. Sometimes, silence is medicine.
14. Laughter and jokes are medicines.
15. Contentment is medicine.
16. Peace of mind and body is medicine.
17. Honesty and positivity are medicines.
18. Selfless love and emotions are also medicines.
19. Doing good to others is medicine.
20. Doing something that gives virtue is medicine.
21. Living in harmony with others is medicine.
22. Eating, drinking, and spending time with family is medicine.
23. Each true and good friend is a complete medical store without money.
24. Staying cool, busy, healthy, and enthusiastic is medicine.
25. Enjoying each new day fully is medicine.
26. *Finally...* The joy of doing a good deed by sending this message to someone is also medicine. Understanding the *greatness of nature* is medicine.

These medicines are all completely free without any side effects!!

This message is sent with love and a desire to spread awareness to the world.

बुधवार, 26 नवंबर 2025

अद्धभुत है हमारा शरीर

*चिंतन*

1. *टायर चलने पर घिसते हैं, लेकिन पैर के तलवे जीवनभर दौड़ने के बाद भी नए जैसे रहते हैं।*  
2. *शरीर 75% पानी से बना है, फिर भी लाखों रोमकूपों के बावजूद एक बूंद भी लीक नहीं होती।*  
3. *कोई भी वस्तु बिना सहारे नहीं खड़ी रह सकती, लेकिन यह शरीर खुद को संतुलित रखता है।*  
4. *कोई बैटरी बिना चार्जिंग के नहीं चलती, लेकिन हृदय जन्म से लेकर मृत्यु तक बिना रुके धड़कता है।*
5. *कोई पंप हमेशा नहीं चल सकता, लेकिन रक्त पूरे जीवनभर बिना रुके शरीर में बहता रहता है।*  
6. *दुनिया के सबसे महंगे कैमरे भी सीमित हैं, लेकिन आंखें हजारों मेगापिक्सल की गुणवत्ता में हर दृश्य कैद कर सकती हैं।*  
7. *कोई लैब हर स्वाद टेस्ट नहीं कर सकती, लेकिन जीभ बिना किसी उपकरण के हजारों स्वाद पहचान सकती है।*  
8. *सबसे एडवांस्ड सेंसर भी सीमित होते हैं, लेकिन त्वचा हर हल्की-से-हल्की संवेदना को महसूस कर सकती है।*  
9. *कोई भी यंत्र हर ध्वनि नहीं निकाल सकता, लेकिन कंठ से हजारों फ्रीक्वेंसी की आवाजें पैदा हो सकती हैं।*  
10. *कोई डिवाइस पूरी तरह ध्वनियों को डिकोड नहीं कर सकती, लेकिन कान हर ध्वनि को समझकर अर्थ निकाल लेते हैं।*
*ईश्वर ने हमें जो अमूल्य वस्तुएं दी हैं, उनके लिए उसका आभार मानिए और उससे शिकायत करने का हमें कोई अधिकार नहीं है।*

बुधवार, 19 नवंबर 2025

यही सही है

दुनिया का सबसे छोटा संविधान चीन का है: कोई अपराधी बचता नहीं है।सबसे भारी भरकम संविधान भारत का है: कोई अपराधी फंसता नहीं है।
 सरकारी राशन के दुकान पर भीड़ देखिये।हाथ में 20000 का मोबाइल लेकर 70000 के बाइक पर बैठकर 2 रुपये किलो चावल लेने आते है ये गरीब लोग।
जिस देश में नसबन्दी कराने वाले को सिर्फ़ 1500₹ मिलते हों और बच्चा पैदा होने पर 6000₹ मिलते हों तो जनसंख्या कैसे नियन्त्रित होगी?????
एक बादशाह ने गधों को क़तार में चलता देखा तो धोबी से पूछा, "ये कैसे सीधे चलते है..?"

धोबी ने जवाब दिया, "जो लाइन तोड़ता है उसे मैं सज़ा देता हूँ, बस इसलिये ये सीधे चलते हैं।"

बादशाह बोला, "मेरे मुल्क में अमन क़ायम कर सकते हो..?"
धोबी ने हामी भर ली।

धोबी शहर आया तो बादशाह ने उसे मुन्सिफ बना दिया, और एक चोर का मुक़दमा आ गया, धोबी ने कहा चोर का हाथ काट दो।

जल्लाद ने वज़ीर की तरफ देखा और धोबी के कान में
बोला, "ये वज़ीर साहब का ख़ास आदमी है।"

धोबी ने दोबारा कहा इसका हाथ काट दो, तो वज़ीर ने सरगोशी की कि ये अपना आदमी है ख़याल करो।

इस बार धोबी ने कहा, "चोर का हाथ और वज़ीर की ज़ुबान दोनों काट दो, और एक फैसले से ही मुल्क में अमन क़ायम हो गया…।

बिलकुल इसी न्याय की जरुरत हमारे देश को है ।
 सरपंच की सैलरी 3000 से लेकर 5000 तक होती है समझ में नहीं आता है 2 साल बाद स्कॉर्पियो फॉर्च्यूनर कहा से ले आते हैं.....?

 जज के कुर्सी से मात्र 5 मीटर की दूरी पर पेशकार 100-200 रूपये लेता है ज़िसे आजतक कोई जज नहीं देख सका।

 भ्रष्टाचार मुक्त भारत?????
copied

सोमवार, 17 नवंबर 2025

जनता अब समझदार होती जा रही है

कोई माने तो न!
(जैसा मिला वैसा भेजा)

घोर परिवारवाद की लालटैन बुझ गई , पंजा टूट गया ....
तेजस्वी द्वारा शर्ट और जीन्स पहनकर राहुल की नकल करने की राजनीति नहीं चली , दोनों को ले डूबी  .....
चुनाव होते ही भाई बहन के विदेश निकल जाने की राजनीति समझ नहीं आई....
देश के संवैधानिक संस्थानों पर लगातार अटैक करने की राजनीति अब नहीं चलती .....

80 साल से लगातार एक ही विचारधारा का वोटबैंक बने मुस्लिम समाज को कम से कम अब तो समझ लेना चाहिए कि राष्ट्र की मुख्यधारा में आए बगैर वे सामाजिक समरसता का हिस्सा नहीं बन पाएंगे । राष्ट्रीय स्वाभिमान की समरसता में बहने के लिए उन्हें लगातार पिछलग्गू बनने बचना चाहिए । यह देश मुसलमानों का भी उतना ही है जितना हिंदुओं का । राष्ट्रीय राजनीति में उन्हें भी प्रवेश करना चाहिए ।

लेकिन अफसोस ! जब कभी भी राष्ट्रीय मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिलता है , वे विपक्षी दलों के उन दलों का 100% पिट्ठू बन जाते हैं , जिनका नेतृत्व हिन्दू नेताओं के पास दादलाई चला आ रहा है । मुस्लिम दोस्तों को मुस्लिम समाज के एकमात्र राष्ट्रवादी नेता असाउद्दीन ओवैसी से सबक सीखना चाहिए । ओवैसी मुस्लिम राजनीति अवश्य करते हैं , लेकिन कभी भी राष्ट्रप्रेम प्रदर्शित करने में पीछे नहीं रहते । बिहार ने एक तगड़ा संदेश दमघोटू राजनीति को दिया है जिसे सभी को पढ़ना चाहिए ।

बिहार ने बताया है कि सत्ता कड़ी मेहनत , कठोर साधना , गहन रणनीति बनाने और लम्बी तैयारियों के बाद मिलती है । सत्ता गाड़ी में बैठकर सावन में मछली खाने , नवरात्र में लालू के घर जाकर मीट पकाना सीखने , नाव से तालाब में कूद जाने या होटल में घुसकर समोसे तलने से नहीं मिलती । खेत में उतरकर धान रोपने अथवा मोटर मैकेनिक बनने का नाटक करने से सत्ता नहीं मिलती । चुनाव शुरू होने और मतगणना से पहले विदेश भाग जाने से बिल्कुल नहीं मिलती ।

जेन जी को भड़काने अथवा चोर चोर चिल्लाने से तो बिल्कुल मिलती ही नहीं । और हां तेजस्वी यादव ! बिहारी जनता सरकारी नौकरी पसंद करती है , यह ठीक है । लेकिन बिहारी तुम्हारे पिता लालू और तुम्हारी तरह रामद्रोही नहीं हैं ? तुम्हारा खानदान चारा चोर और जमीन चोर हो सकता है , बिहारी जनमानस राष्ट्रभक्त है , स्वाभिमानी है । तो देखो , बड़ी बड़ी हॉक रहे थे । आ गिरे न चारों खाने चित्त जमीन पर ? जीभ भी पूरी की पूरी बाहर निकल आई न ?

हम बिहार की राष्ट्रभक्त , रामभक्त , परिश्रमी और स्वाभिमानी जनता को हजारों सैल्यूट देते हैं । बिहारियों ने दिखा दिया कि जबरिया आतंकवाद की आग में झोंके जा रहे देश की रक्षा में जो तत्पर हैं , बिहारी उनके साथ हैं । बिहार ने दिखा दिया कि उन्हें  काम करने वालों और देश को लूटने वालों के बीच फर्क ढूंढना खूब आता है । जो लोग बिहार की छठ पूजा को विश्वव्यापी बनाते हैं , यूनेस्को तक ले जाते हैं , राम मंदिर बनाते हैं , सीतामढ़ी सजाते हैं , सुशासन लाते हैं , बिहारी उनके साथ हैं । बिहार अपनी सेनाओं के साथ है , विकास के साथ है । राष्ट्रीय मुख्यधारा में बहते हुए बिहार की जनता ने जैसा स्पष्ट संदेश दिया , एक बार हम फिर उस जज्बे को सैल्यूट देते हैं ।
                 ,,,,,,,कौशल सिखौला

शनिवार, 15 नवंबर 2025

मोदीजी हैं तो मुमकिन है.

कुछ अच्छा लगे तो सराहना तो बनती है!
------------------------------------------------
(जैसा मिला वैसा भेजा)

आज टीवी पर देखा कि बिहार चुनाव परिणाम के बाद मोदी जी भाजपा कार्यालय आए तो उन्होंने गमछा घुमा कर कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया ।
उसके बाद मोदी जी को मखाने की माला पहनायी गई ।

उस व्यक्ति को आप कैसे हराओगे जो स्थानीय प्रतीकों का इतना सूक्ष्म अवलोकन भी करता है और उसे प्रयोग में भी लाता है ।

पिछले लोकसभा चुनाव के बाद कुछ लोगों को लगने लगा था कि मोदी मैजिक कम हो रहा है ।
लेकिन मोदी और अमित शाह की खास बात ये है कि ये प्रतिकूल परिणाम आने पर दूसरों को दोष नहीं देते , बहाने नहीं बनाते बल्कि चिंतन मनन करते हैं कि गलती कहाँ रह गई ।
महाराष्ट्र और हरियाणा में लोकसभा चुनाव अनुकूल नहीं रहे पर उसके विधानसभा में आशातीत सफलता प्राप्त की ।
दिल्ली में केजरीवाल ने कहा था कि इस जन्म में तो हमे दिल्ली से कोई नहीं हरा सकता ।
वो दिल्ली के साथ साथ अपनी ख़ुद की सीट हार गए ।
भाजपा की एक टीम निरंतर चुनाव की तैयारी में लगी रहती है और ये शोर्ट टर्म और लांग टर्म दोनों गोल ले कर चलती है ।
शोर्ट टर्म वहाँ जहाँ ये मजबूत हैं और लांग टर्म वहाँ जहाँ इनका संगठन कमजोर हैं ।
और आप देखियेगा आने वाले सालों में भाजपा बंगाल , केरल , तेलंगाना यहाँ तक कि तमिलनाडु में भी सत्ता में आएगी ।
हो सकता है शुरू में गठबंधन में आए पर बाद में अपने दम पर भी आएगी ।
भाजपा की चुनावी सफलताएं उत्कृष्ट चुनावी प्रबंधन का परिणाम है , इनके अंदर जनता की नब्ज पकड़ने की खूबी है ।

वो ये भी जानते हैं कि जो ग़लतियाँ अतीत में वाजपेयी जी ने की वो वापस नहीं करनी हैं जैसे कि अति आदर्शवाद ।
अमित शाह का सीधा फ़ंडा है " if you are bad then I am your dad " 
सत्ता में रहोगे तो परिवर्तन ला पाओगे , बाहर हो गए तो बस बैठ के खीझते रहोगे ।
भाजपा ने भी थोड़ा बहुत रेवड़ियों की राजनीति सीख ही ली ।
लाडली बहन योजना , महिलाओं के खाते में पैसे भेजना , फ्री राशन देना आदि ऐसी योजनाएं रहीं जिन्होने विभिन्न राज्यों में भाजपा के पक्ष में विशेष रूप से महिलाओं को मोड़ा ।
कुल मिला कर जनता परिपक्व हुई हैं, जंगल राज की पुनरावृत्ति नहीं चाहती , अपराध मुक्त समाज चाहती है , विकास के पथ पर दौड़ना चाहती है , तुष्टिकरण की राजनीति को नकारना चाहती है ।
रही बात तेजस्वी की तो ये तो कहना पड़ेगा कि कुछ लोग विरासत में अपने माँ बाप की ख्याति और सत्कर्म ले कर आते हैं जो उनके जीवन को काफ़ी हद तक आसान कर देता है ।
तेजस्वी को ज़िन्दगी भर लालू और राबड़ी के समय के जंगल राज का खामियाजा भुगतना पड़ेगा और जब सामने भाजपा जैसा प्रतिद्वंदी हो तो ये टोकरा और भी भारी हो जाएगा ।
ऐसा भी नहीं है कि नीतीश कुमार के 20 साल अन्य मुख्य मंत्रियों की तुलना में चमत्कारिक रहे हों पर लालू के जंगल राज से जब भी तुलना होगी वो चमत्कारिक ही माने जाएँगे ।
अब कम से कम अपराधियों को उस प्रकार से सत्ता का सीधा संरक्षण प्राप्त नहीं है ।
पता नहीं क्यों इस बार बिहार के चुनाव परिणामों को ले कर पिछली दो बार की तरह पेट में पानी नहीं हुआ ।
ये तो पता ही था कि NDA वापस आ रहा है पर ऐसी बम्पर जीत होगी ये तो शायद NDA को ख़ुद भी अनुमान नहीं होगा ।
बिहार की जनता को बधाई कि आपने थोड़ा अच्छा और बहुत ख़राब में थोड़ा अच्छा को चुना ।
उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश की जनता भी अगले चुनाव में बहुत अच्छे और बहुत ख़राब में बहुत अच्छे को चुनेगी

शुक्रवार, 7 नवंबर 2025

सत्ता परिवर्तन के बाद.....

प्रायः मैं दिन में सिर्फ दो बार चाय पीता हूँ लेकिन न जाने क्यों, कल शाम की चाय के बाद सोचने लगा और फिर ख्याल आया कि 😘

1. कांग्रेस सरकार जाने के बाद मुंबई में फिर कोई हाजी़ मस्तान, करीम लाला, दाऊद इब्राहिम पैदा क्यों नहीं हुआ ?

2. बसपा सरकार जाने के बाद मायावती के जन्मदिन पर उसे हीरे, ताज, नोटों से क्यों नहीं तौला गया ?

3. यूपी में योगी जी के सीएम बनने के बाद अब अतीक अहमद, आजम खान, मुख्तार अंसारी जैसा बाहुबली क्यों नहीं पैदा हुआ है ?

4. मोदी के आने के बाद , पी.चिदंबरम अपने बंगले के गमलों में 6 करोड़ की गोभी क्यों नहीं उगा पा रहा है ??

5. आजकल सुप्रिया सुले अपनी दस एकड़ जमीन में 670 करोड़ की फसल क्यों नहीं उगा पाती हैं ?

6. हरियाणा में कांग्रेस की सरकार चले जाने के बाद रोबर्ट वाड्रा ने वहाँ कोई जमीन क्यों नहीं खरीदी ?

7. यूपी से सरकार चले जाने के बाद अखिलेश यादव ने सैफई महोत्सव क्यों नहीं मनाया ?

8. यस बैंक के मालिक राणा कपूर को ढाई करोड़ की पेंटिंग बेचने के बाद, प्रियंका गांधी ने फिर कोई पेंटिंग क्यों नहीं बेची ?

9. ए.के.एंटनी ने अपनी पत्नी के हाथ की पेंटिंग सरकार को 28 करोड़ में बेचने के बाद अपनी पत्नी से फिर कोई पेंटिंग क्यों नहीं बनवाई ?

10. यूपीए के दस वर्षीय (2004-14) शासनकाल में सोनिया अपनी "अज्ञात" बीमारी के इलाज के लिये प्रत्येक छ:माह के अन्तराल पर "अज्ञात" देश को नियमित रुप से जाती थी. वह रहती दिल्ली में है, पर उसकी उडा़न हमेशा केरल के एयरपोर्ट से होती थी और उसके लगेज में 4-5 बडे़-बडे़ ट्रंक हमेशा हुआ करते थे. किसी प्रकार की सिक्योरिटी-चेक का सवाल ही नहीं था, क्योंकि वह उस समय भारत की "सुपर पीएम" थी. 2014 में सत्ता परिवत्तॆन के बाद आश्चयॆजनक रुप से सोनिया की "अज्ञात" बीमारी उड़न छू कैसे हो गई ?

अभी सुबह की कड़क चाय पिऊंगा और फिर सोंचूँगा! आप भी एक बार इस बारे में जरूर सोचना!! प्रश्न वाकई गंभीर हैं...
 अनोखा जी.

सिंथेटिक दूध