शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023
बुधवार, 27 दिसंबर 2023
राम लला के लिये
*ननिहाल से 3000 क्विंटल चावल ससुराल से उपहार के 1100 थाल जाने राम मंदिर में कहां से क्या-क्या आएगा*
1. राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. इसके बाद भगवान को विशेष भोग लगाया जाएगा, जिसमें ननिहाल के चावल और ससुराल का मेवा शामिल होगा.
2. ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3 हजार क्विंटल चावल अयोध्या आएगा. ये अब तक की सबसे बड़ी चावल की खेप होगी, जो अयोध्या पहुंचेगी. इसे छत्तीसगढ़ के जिलों से एकत्र किया गया है.
3. भगवान राम की ससुराल नेपाल के जनकपुर से वस्त्र, फल और मेवा 5 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे. इसके अलावा उपहारों से सजे 1100 थाल भी होंगे.
4. नेपाल से आभूषण, बर्तन, कपड़े और मिठाइयों के अलावा भार भी आएगा, जिसमें 51 प्रकार की मिठाइयां, दही, मक्खन और चांदी के बर्तन शामिल होंगे.
5. उत्तर प्रदेश के एटा जिले से रामलला के दरबार में अष्टधातु का 21 किलो का घंटा पहुंचेगा. दावा किया जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा घंटा होगा, जिसकी लागत 25 लाख रुपये है. इसे बनाने में 400 कर्मचारी जुटे हुए हैं.
6. यूपी के एटा से अयोध्या पहुंच रहे घंटे की चौड़ाई 15 फुट और अंदर की चौड़ाई 5 फुट है. इसका वजन 2100 किलो है. इसे बनाने में एक साल का समय लगा है.
7. प्राण प्रतिष्ठा के लिए गुजरात के वडोदरा से 108 फीट लंबी अगरबत्ती अयोध्या भेजी जा रही है, जो बनकर तैयार है. इसे पंचगव्य और हवन सामग्री के साथ गाय के गोबर से बनाया गया है. इसका वजन 3500 किलो है.
8. वडोदरा से अयोध्या पहुंच रही इस अगरबत्ती की लागत पांच लाख से ऊपर है. इसे तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है.
9. इस अगरबत्ती को वड़ोदरा से अयोध्या के लिए 110 फीट लंबे रथ में भेजा जाएगा. अगरबत्ती बनाने वाले विहा भरवाड़ ने बताया कि एक बार इसे जलाने पर ये डेढ़ महीने तक लगातार जलती रह सकती है.
10. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की चरण पादुकाएं भी वहां पर रखी जाएंगी. फिलहाल, ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं. पादुकाएं 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी. इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने तैयार किया है.
11. श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने इन श्रीराम पादुकाओं के साथ अयोध्या की 41 दिनों की परिक्रमा की थी. इसके बाद इन पादुकाओं को रामेश्वरम से बद्रीनाथ तक सभी प्रसिद्ध मंदिरों में ले जाया जा रहा है और विशेष पूजा की जा रही है.
*🚩 जय श्री सीताराम जी की🚩🚩*
शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023
गठबंधन
INDIA- न नीति, न नेता
देश मे मोदीराज का बोलबाला हो रहा है लेकिन विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA हर बात में मोदी हटाओ हमें लाओ की जुगत में लगा रहता है। हाल ही में तीन राज्यों में बुरी तरह पिछड़ने के बाद भी गठबंधन के नेतागण मोदीराज को भला- बुरा ही कहते रहते हैं।
INDIA नामक गठबंधन की मीटिंग में 2024 के लोकसभा के चुनावों पर गहन मंथन हुआ की कैसे अगला चुनाव जीता जा सके। किसी ने कहा कि पहले गठबंधन का संयोजक चुना जाये। किसी ने कहा की प्रधानमंत्री के चेहरे का चुनाव कर लिया जाये। देश के विकास की बात किसी ने कही। गठबंधन की क्या नीतियां होंगी इस पर कोई चर्चा न होनी थी न ही हुई।
प्रधानमंत्री पद के चेहरे के लिये गठबंधन के कुछ घटकों ने खड़गे जी का नाम लिया। नाम लेते ही अन्य कुछ घटकों में मायूसी छा गई। शायद कांग्रेस में भी ऐसा ही हुआ हो क्योंकि कांग्रेस की पूरी जमात राहुल गांधी को अगला पीएम मानकर चुनावों में तैयारी कर रही है। खड़गे जी के नाम पर तो कांग्रेस ही तैयार नहीं होगी तो अन्य की तो राम जाने। गठबंधन के संयोजक पर कोई खास चर्चा न हुई न होनी थी। ऐसे में गठबंधन का दूल्हा बनें नीतीश कुमार का हाल ऐसा बन पड़ा था की मानो उनपर किसी ने घड़ो पानी डाल दिया हो। उनका नाम न पीएम चेहरे में न ही संयोजक के लिये उनका नाम लेने वाला कोई नहीं था गठबंधन की पूरी जमात में जबकि नीतीश कुमार अपने बिहार में भावी प्रधानमंत्री के बोर्ड लगवाकर खुद को पीएम से कम नहीं मान रहे थे गठबंधन की मीटिंग में।
दरअसल देश के पिछले कई दशकों में चुनावों से पहले कई गठबंधनों को झेल चुका है। जनता समझ चुकी है कि राज्योवार एक दूसरे के विरोध में लड़ रहे दल एक मंच पर कैसे मिल सकते है। पिछले दिनो अखिलेश यादव ने कांग्रेस के विषय मे यहाँ तक कह दिया था की कांग्रेस बहुत चालू पार्टी है। गठबंधन में सभी मजबूत क्षेत्रीय दल अपने क्षेत्र की सीटों में से दूसरे को देना ही नहीं चाहते। दूसरी बात यह है की इस गठबंधन के पास न तो सर्वमान्य नेता है और न ही नीतियाँ हैं। ऐसे में गठबंधन का भविष्य अंधकारमय ही लगता है।
सुनील जैन राना
मंगलवार, 19 दिसंबर 2023
गुरुवार, 14 दिसंबर 2023
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि कृत्रिम बुद्धिमता
विश्व के कुछ देशों में AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बहुत जोरो शोरों से कार्य चल रहा है। भारत AI पर वैश्विक सेमिनार में देश के युवाओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया। सेमिनार को मोदीजी ने सम्बोधित करते हुए इसके फायदे व नुकसान के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये। मोदीजी ने 28 देशों के प्रतिनिधियों से भी AI पर साझा घोषणापत्र जारी करने की बात कही।
जिस प्रकार साइंस इस ए गुड सर्वेन्ट बट के बैड मास्टर की कहावत प्रचलित हुई थी ठीक उसी प्रकार AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि कृतिम बुद्धिमता भी कई कार्यों में बहुत बेहतर कार्य कर सकती है वहीं दूसरी और इसका बहुत दुरुपयोग भी हो सकता है। डिपफेक फोटो या वीडियो यानि फर्जी फोटो या वीडियो इसका एक हानिकारक उपयोग साबित हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वरदान भी बन सकता है और अभिशाप भी बन सकता है। इसी वजह से AI पर बहुत प्रभावी ढंग से कार्य करने की जरूरत है। यदि इसका दुरुपयोग हुआ तो यह दुनिया के लिये घातक साबित होगा।
भारत के इंजीनियर, वैज्ञानिक इस पर दो सालों से कार्य कर रहे हैं। इसके लिये बहुत विश्वसनीय तरीके से कार्य चल रहा है। भारत जीपीएआई के तहत 28 देशों का अध्यक्ष बन गया है। वैश्विक सेमिनार में मोदीजी ने कहा की हम भारत मे 20 हज़ार AI इंजीनियर तैयार करना चाहते हैं। AI कृषि, चिकित्सा आदि के क्षेत्र में ला सकता है। हम सभी को बहुत सावधानी से AI के उपयोग में सावधानी बरतने की जरूरत है
सुनील जैन राना
कभी देश का बीमारू राज्य था उड़ीसा
🙏
*An interesting observation if true:-*
President of India :- *Odisha*
Education Minister :- *Odisha*
Skill development -. *Odisha*
Enterpreneurship - *Odisha*
Railway Minister :-. *Odisha*
Communication. -. *Odisha*
IT Ministry -. *Odisha*
Electronics - *Odisha*
Tribal Affairs - *Odisha*
Jal Shakti ministry - *Odisha*
RBI Governor :- *Odisha*
CAG of India :-. *Odisha*
NCB Chief :- *Odisha*
IMD chief :-. *Odisha*
IOCL , Director :- *Odisha*
NDRF chief - *Odisha*
The Principal Secy in PMO is also from *Odisha* , Pramod Mishra ji... The most powerful post in India....!!
They are only 3.3 % of the population and don't have any political clout ..have a non BJP Govt in the state....!!! However it seems that merit, honesty, hardwork, sincerity and efficiency etc gets rewarded in India...!!!
... and people say that *Gujaratis are ruling the country...,.!!!* ```very interesting msg. 🙏```
सद्कर्म ही साथ जाते हैं
🍁🍁🍀🍀🕉️🙏🕉️💧💧🌹🌹
*सुप्रभातवंदन*
🍁💧🌸🌻🕉🙏🕉🌻🌸💧🍁
*ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ*
*ॐ श्री विष्णु देवाय नमः ॐ*
*ॐ नमः शिवाय ॐ*
*ॐ हीं क्लिं महा लक्ष्मये नमः ॐ*
*मृत्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं...*
*1. कामना -* यदि मृत्यु के समय हमारे मन मे किसी वस्तु विशेष के प्रति कोई आसक्ति शेष रह जाती है ।कोई इक्षा अधूरी रह जाती है।कोई अपूर्ण कामना रह जाती है।तो म रणोपरांत भी वही कामना उस जीवात्मा के साथ जाती है।
*2. वासना -* वासना कामना की ही साथी है। वासना का अर्थ केवल शारिरिक भोग से नही अपितु इस संसार मे भोगे हुए हर उस सुख से है ।जो उस जीवात्मा को आनन्दित करता है। फिर वो घर हो ,पैसा हो ,गाड़ी हो, रूतबा हो या शौर्य। मृत्यु के बाद भी ये अधूरी वासनाएं मनुष्य के साथ ही जाती हैं।और मोक्ष प्राप्ति में बाधक होती है।
*3. कर्म -* मृत्यु के बाद हमारे द्वारा किये गए कर्म चाहे वो सुकर्म हो अथवा कुकर्म हमारे साथ ही जाता है ! मरणोपरांत जीवात्मा अपने द्वारा किये गए कर्मो की पूँजी भी साथ ले जाता है। जिस के हिसाब किताब द्वारा उस जीवात्मा का यानी हमारा अगला जन्म निर्धारित किया जाता है।
*4. कर्ज़ -* यदि मनुष्य ने हमने -आपने जीवन मे कभी भी किसी प्रकार का ऋण लिया हो।तो उस ऋण को यथासम्भव उतार देना चाहिए। ताकि मरणोपरांत इसलोक से उस ऋण को उसलोक में अपने साथ न ले जाना पड़े।
*5. पूण्य -* हमारे द्वारा किये गए दान-दक्षिणा व परमार्थ के कार्य ही हमारे पुण्यों की पूंजी होती है। इसलिए हमें समय-समय पर अपने सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा एवं परमार्थ और परोपकार आवश्य करते रहना चाहिए।
साभार
मंगलवार, 12 दिसंबर 2023
शनिवार, 9 दिसंबर 2023
पीएम कैसे- कैसे ?
एक *धनी* प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *नेहरू* ने साबित किया।
एक *गरीब* प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *शास्त्री जी* ने साबित किया.।
एक *बुजुर्ग* प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *मोरारजी* ने साबित किया।
एक *युवा* प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *राजीव गांधी* ने साबित किया।
एक *औरत* प्रधानमंत्री बन सकती है
ये *इंदिरा गांधी* ने साबित किया।
एक *किसान* प्रधानमंत्री बन सकता है
*चौ. चरण सिंह* ने साबित किया।
एक *राजघराने* का व्यक्ति प्रधानमंत्री हो सकता है
ये *वी.पी. सिंह* ने साबित किया।
एक *शिक्षित एवं बहुआयामी* व्यक्ति प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *पी.वी.नरसिंहा राव* ने साबित किया।
एक *कवि* प्रधानमन्त्री बन सकता है
ये *अटल बिहारी बाजपेयी* ने साबित किया।
*कोई भी* प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *एच.डी.देवगौडा* ने साबित किया।
एक प्रधानमंत्री की *आवश्यकता* ही नहीं है
ये *डा. मनमोहन सिंह* ने साबित किया।
देश पर *बिना प्रधान मंत्री* बने भी शासन किया जा सकता है
ये *सोनिया गांधी* ने साबित किया।
परन्तु एक *चाय* बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकता है और *इन सबसे बेहतर कार्य कर सकता है* तथा *भारत माता का परचम पूरी दुनिया में लहरा सकता है* ये
*नरेन्द्र मोदी जी* ने साबित किया।
सारी *कायनात* लगी है एक शख्स
को *झुकाने* में... भगवान भी *सोचता* होगा,
जाने किस *मिटटी* का इस्तेमाल किया मैंने *"मोदी"* को बनाने में!!
JARA SOCHO...
.
जो व्यक्ति
*PM बनने से पहले*
यदि
अमरीका को *झुका* सकता है,
भूखे नंगे देश
*पाकिस्तान* में
*हडकंप*
मचा सकता है,
चीन जैसे *गद्दार* देश के
अखबारों की
*सुर्खियों* में आ सकता है
तो भाई
वह *भारत* को *विश्व गुरु*
बना सकता है
यह बात *पक्की* है!
*" देश की जरुरत है मोदी "!*
सोमवार, 4 दिसंबर 2023
शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023
पीएम अन्न योजना
मुफ़्त अनाज़ वितरण कब तक?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एक बार फिर पुनः 5 साल ले लिये बढ़ा दी गई है। इस योजना में 80 करोड़ गरीब अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो अनाज़ मुफ्त में दिया जाता है। जबकि अन्य गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 किलो प्रतिमाह अनाज़ दिया जाता है। इस योजना पर 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
इस योजना पर सवाल यह उठता है की क्या वास्तव में देश मे 80 करोड़ ऐसे गरीब परिवार हैं जिन्हें मुफ्त के अनाज़ की जरूरत है? क्या इस योजना का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है? जनहित में क्या यह सही योजना है? विपक्ष आरोप लगाता है कि सरकार द्वारा जनता को मुफ्त राशन देकर निठल्ला बनाया जा रहा है। कोरोना काल मे जब काम धंधे बन्द थे, रोजगार नहीं था तब सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी। लेकिन अब इसकी इतनी जरूरत नहीं है।
जनहित में इतनी भारी भरकम योजना से ज्यादा लाभकारी यह होगा की मध्यम वर्ग को गैस, तेल, बिजलीं के दामो में कटौती कर सहयोग किया जाये। महंगाई में पिसने वाले मध्यम वर्ग के लिये भी कुछ योजनाएं बननी चाहिए। गैस का सिलेंडर 500 रुपये में दिया जाये। डीजल- पेट्रोल के दामों में कमी की जाये। बिजलीं के दामों में कमी की जाये। इतना सब करने से सरकार की वाहवाही भी होगी एवं आमजन को राहत भी मिलेगी। इन सबका खर्च भी मुफ्त अनाज योजना से बहुत कम होगा। मुफ्त अनाज़ सिर्फ जरूरतमंद गरीब तक ही सीमित रखा जाना चाहिये। सरकार एवं विभिन्न राजनैतिक दल चुनावों के समय जैसे सभी के लिये मुफ़्त में कुछ देने की घोषणा करते हैं, यदि सरकार मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर सिर्फ गैस, तेल, बिजलीं रियायती दरों पर उपलब्ध कराये तो ऐसी सरकार को चुनावों में कोई हरा भी न पाये।
सुनील जैन राना
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ध्वजारोहण
*UPSC इंटरव्यू में पूछा जाने वाला ऐसा सवाल जिसका उत्तर बहुत कम अभ्यर्थी दे पाते हैं-* स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क...