शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023
पीएम अन्न योजना
मुफ़्त अनाज़ वितरण कब तक?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एक बार फिर पुनः 5 साल ले लिये बढ़ा दी गई है। इस योजना में 80 करोड़ गरीब अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो अनाज़ मुफ्त में दिया जाता है। जबकि अन्य गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 किलो प्रतिमाह अनाज़ दिया जाता है। इस योजना पर 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
इस योजना पर सवाल यह उठता है की क्या वास्तव में देश मे 80 करोड़ ऐसे गरीब परिवार हैं जिन्हें मुफ्त के अनाज़ की जरूरत है? क्या इस योजना का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है? जनहित में क्या यह सही योजना है? विपक्ष आरोप लगाता है कि सरकार द्वारा जनता को मुफ्त राशन देकर निठल्ला बनाया जा रहा है। कोरोना काल मे जब काम धंधे बन्द थे, रोजगार नहीं था तब सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी। लेकिन अब इसकी इतनी जरूरत नहीं है।
जनहित में इतनी भारी भरकम योजना से ज्यादा लाभकारी यह होगा की मध्यम वर्ग को गैस, तेल, बिजलीं के दामो में कटौती कर सहयोग किया जाये। महंगाई में पिसने वाले मध्यम वर्ग के लिये भी कुछ योजनाएं बननी चाहिए। गैस का सिलेंडर 500 रुपये में दिया जाये। डीजल- पेट्रोल के दामों में कमी की जाये। बिजलीं के दामों में कमी की जाये। इतना सब करने से सरकार की वाहवाही भी होगी एवं आमजन को राहत भी मिलेगी। इन सबका खर्च भी मुफ्त अनाज योजना से बहुत कम होगा। मुफ्त अनाज़ सिर्फ जरूरतमंद गरीब तक ही सीमित रखा जाना चाहिये। सरकार एवं विभिन्न राजनैतिक दल चुनावों के समय जैसे सभी के लिये मुफ़्त में कुछ देने की घोषणा करते हैं, यदि सरकार मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर सिर्फ गैस, तेल, बिजलीं रियायती दरों पर उपलब्ध कराये तो ऐसी सरकार को चुनावों में कोई हरा भी न पाये।
सुनील जैन राना
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