शनिवार, 7 जनवरी 2023
श्री सम्मेद शिखर जी
*सच्चे अहिंसक हिन्दु समाज को जागना होगा*
क्यों?
* *सभी अल्पसंख्यक समूदाय से हिन्दू को भडकाकर क्यों लडवाया जा रहा है?*
* जैनी सम्मेद शिखर के पूरे पर्वत को पवित्र मानता है इसलिए वह विना जूते, चप्पल के 27 किलो मीटर की पहाड की यात्रा करता है। वहां पर ना कुछ खाता पीता है ना मल मूत्र करता है। परन्तु हिन्दु नवयुवकों श को भडका कर ये सब करने के लिए सिखा कर पर्वत को अपवित्र किया जा रहा है। इसका पाप किसे लगेगा?
* *नानवेज, शराब, बीडी, सिगरेट, गंदे डांस आदि करने की प्रेरणा देकर वहां कौन भेज रहा है?*
* ऐसा करके हिन्दु समाज का सम्मान बढ रहा है क्या? देश और विदेश में छवि बिगड रही है।
* *वहां की आदिवासी समाज की सहायता हमेशा जैन समाज ने की है। उनके अधिकार वहां सुरक्षित रहे हैं। उन्हें भडकाकर भेजा जा रहा है ऐसा सब करने के लिए। ऐसा करके आदिवासी समाज को पाप के गर्त में कौन भेज रहा है।*
* आज सम्मैद शिखर विश्व वंद्यनीय है, अहिंसा धर्म का प्रतीक है, प्राचीन पवित्रता की मिसाल है उसे खंडित करके हम क्या हासिल करना चाहते हैं।
* *देश, समाज और धर्म का माहौल विगाडने वाले तथा कथित आक्रमणकारी हिन्दू वेशी अराजक तत्वों को वेनकाव करने की जिम्मेदारी सच्चै सनातनी हिन्दू समाज की ही है।*
* जब सारे मन्दिर जैनों के हैं। 99 साल की लीज पर लिया हुआ है तो अकारण ही पर्यटन के नाम पर जैनों की वेदखली क्यो ?
* *मकर संक्रांति पर आदि वासी समाज पर्वत पर चढता है जाये कोई आपत्ति नही है। सबके भगवान हैं। परन्तु परम्परागत पवित्रता और मर्यादा का पालन स्वयं करे और करवाये। जूते, चप्पल पहिनकर नही जावें। अपवित्र खाने पीने की चीज नही ले जावें। अमर्यादित आचरण नही करै। यह अनन्त भगवान की पवित्र सिद्ध भूमि है। किसी के बहकावें में ना आयें।*
* विचार करें। धर्म का अपमान करने से बजे एवं हिन्दू की पहचान इस अराजकता को ना बनने दें।
* *अगर वे पार्श्वनाथ को अपना भगवान मानते है तो उनकी रक्षा करें, किसी प्रकार की अपवित्रता होती है तो उसे रोकें*।
* हिन्दू की धर्म विरोधी और आक्रांता की छवि बनने से रोकें।
अहिंसक हिन्दु जागरण आवश्यक है।
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