रविवार, 10 अक्टूबर 2021
डाक विभाग की घोर लापरवाही
डाक विभाग की घोर लापरवाही
सहारनपुर, कैसी विडंबना है की देश के प्रधानमंत्री डाक विभाग को डिजिटल बना कर अनेको सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराना चाह रहे हैं लेकिन स्थानीय डाकघरों का हाल यह है की जरा सी रजिस्ट्री कराने जाओ तो कह देते हैं की अभी सर्वर डाउन है बाद में आना।यह हाल लगभग सभी छोटे डाकघरों का है।
सर्वर डाउन के बाद डाक वितरण की बात करें तो पिछले कई सालों से ऐसा लगता है जैसे डाक विभाग द्वारा साधारण डाक का वितरण बन्द ही कर दिया हो और सिर्फ रजिस्टर्ड डाक का वितरण कर इति श्री कर ली जाती हो। हालांकि अब पहले की तरह चिट्ठी लिखने का कार्य बहुत कम हो गया है लेकिन ऐसा नही है कि बिल्कुल खत्म हो गया हो।चिट्ठी के अलावा अनेक पत्र ,पत्रिकाएं, चेकबुक आदि अनेक जरूरी प्रपत्र आते थे लेकिन अब आने बन्द हो गए हैं।साधारण डाक न मिलने से बहुत से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।कई बार चेकबुक बड़े डाकघर जाने पर बोरो में से ढूढ़ने पर मिल गई।ऐसे में बोरो में भरी बाकी डाक का क्या होता होगा डाकघर वाले ही जानते होंगे।
हमारा समाचार पत्र प्रत्येक सोमवार को नेट पर एवम डाक में पोस्ट कर दिया जाता है।डाकघर के समीप ही हमारा कार्यालय है।लेकिन दस में से एक या दो समाचार पत्र प्राप्त होते होंगे।इसके अलावा अनेक अन्य समाचार पत्र ,पत्रिकाएं अन्य पत्र नियमित आते थे अब नही आ रहे हैं।ऐसे में कैसे आगे बढ़ेगा भारत , कैसे डिजिटल हो सकेंगे डाकघर।ऐसा लगभग सभी शहरों के मुख्य डाकघर को छोड़कर बाकी डाकघरों का हाल है।
हम पिछले लगभग दो सालों से साधारण डाक वितरण में खामी की शिकायत बड़े डाकघर, प्रवर डाकघर,पी एम जी बरेली,लखनऊ को रजिस्टर्ड शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई फायदा नही हुआ। पोस्टमैन से पूछने पर वह कहता है की मुझे जितनी डाक मिल रही है उतनी बाट रहा हूँ।ऐसे में डाक कहां गायब हो रही है यह जांच का विषय है,जनहित में इसकी जांच होनी चाहिये।
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