शनिवार, 18 सितंबर 2021
सरकारी टेलीफोन -जी का जंजाल
टेलीफोन एक्सचेंज, जनता परेशान
सहारनपुर टेलीफोन विभाग की हालत बुरी है या कर रखी है।लैंडलाइन फोन इसी कारण जनता कटवाती जा रही है।जिसका मुख्य कारण अक्सर टेलीफोन का खराब रहना है। पिछले दस पन्द्रह वर्षो में नगर के अधिकांश उपभोक्ताओं ने परेशान होकर अपने टेलीफोन ही कटवा दिए।
पता नही क्यो अक्सर टेलीफोन खराब हो जाते हैं या कर दिये जाते हैं। क्योंकि जितनी बार टेलीफोन खराब होगा उतनी बार लाइनमैन आएगा और उसको कच्चा ठीक कर जाएगा क्योंकि लाइनमैन को हर बार सौ रुपये मिल जाते हैं।बिना पैसे के ये अगली आएंगे ही नहीं। ऐसा चक्कर पिला देंगे की जिसका जबाब नही। कैसे कार्य करते हैं ये सरकारी कर्मचारी समझ मे नही आता।
यह तो बात हुई टेलीफोन की अब बात करते हैं टेलीफोन के बिल की। टेलीफोन के बिल के लिये परेशान होना पड़ता है।कई बार जाकर भी बिल की छोटी सी पट्टी दे देते हैं। अब तो छोटी सी कागज को पट्टी भी नही देते बल्कि छोटी सी पर्ची पर बिल का अमाउंट लिखकर दे देते हैं। पूरा ए फ़ॉर के पेज पर उपभोक्ताके पास बिल आये तो वह उसे अपनी फ़ाइल में भी लगा सके।ऐसे ही बिल भुगतान में छोटी सी पर्ची कभी मिल जाती है कभी वो भी नही मिलती कह देते हैं की बिल जमा हो गया। इन्ही कारणों से जनता bsnl से दूर भाग रही है। शायद इन्हें कोई कहने सुनने वाला नही है। सरकारी टेलीफोन जी का जंजाल बन गए हैं।
मोदीजी डिजिटल इंडिया बनाना चाह रहे हैं और यह टेलीफोन विभाग जनता को दल दल में ले जा रहा है। मोबाइल कम्पनिया बिना तार के बढ़िया कार्य कर रही हैं और bsnl अभी तक तारो में अटका पड़ा है।दरअसल ये कुछ करना भी नही चाहते।हमारे पास लगभग ४० -४५ साल से लैंडलाइन फोन है,लगता है अब सारे फोन कटवाने ही पड़ेंगे।
केंद्र सरकार को दूर संचार विभाग दुरुस्त करना चाहिये।पिछली सरकारों में पासवान जी के नियंत्रण में जब यह विभाग था तब तुरन्त कार्य होता था।शिकायत करते ही फोन ठीक हो जाता था।अब फिर से वही सिस्टम अपनाना चाहिए।निचले स्तर के कर्मचारी कार्य करने में ढिलाई बरतते हैं उन पर अंकुश होना चाहिए। *सुनील जैन राना *
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