बुधवार, 3 मार्च 2021
झूठे आरोप लगाकर क्लेम रोका
सेवा में,
इन्सुरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलोपमेन्ट अथॉरिटी
हैदराबाद -500032
विषय,झूठे आरोप लगाकर क्लेम न देना
महोदय,मैं सुनील कुमार जैन पिछले 30 वर्षों से पत्रकार, साहित्यकार एवम जीव दया प्रेमी हूँ।मेरे प्रचलित उपनाम सुनील जैन राना से आप FB और गूगल पर सर्च कर सकते हैं।
महोदय,गतवर्ष 09-02-2020 को मैंने बजाज हेल्थ इन्सुरेंस से पॉलिसी ली।जिसका पॉलिसी नम्बर OG-20-1201-8429-00000292 है। मेरी पूरी जांच करने को हरिद्वार से दो लड़के बाईक पर आये और उन्होंने मेरी पूरी जांच कर कहा अंकल आप तो बहुत अच्छे और पूर्ण स्वस्थ हो,आपको कभी कुछ नही होगा।
महोदय,दो नवम्बर को अचानक पेट मे दर्द आदि होने पर मझे सहारनपुर से दिल्ली नारायणा अस्पताल दाखिल होना पड़ा जहां मेरा ईलाज हुआ।ततपश्चात मुझे नारायणा से मैक्स अस्पताल को रैफर किया गया।मैक्स में बजाज पॉलिसी से कैशलेस ट्रीटमेंट को कहा तो बजाज द्वारा कैशलेस मनाकर बाद में भुगतान कर देने को कहा।
महोदय,बाद में बजाज द्वारा झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिये।पहले मुझपर हाइपरटेंशन छुपाने का आरोप लगाया फिर अगले मेल में मुझे सुगर होने की बात कही।
महोदय,मुझे न आजतक बीपी की शिकायत हुई न ही कभी सुगर की शिकायत हुई।इन दोनों बातो को नारायणा और मैक्स के। डॉक्टरों ने लिखकर भी दिया है।
महोदय,एक और अन्य झूठ यह की जब हमने पॉलिसी के समय की गई जांच की रिपोर्ट मांगी तो हमें किसी सुनील कुमार शुक्ला की रिपोर्ट दिखा दी गई।यह तो सरासर चारसौ बीसी हुई।
महोदय,अब बजाज हेल्थ द्वारा न तो हमारे पहले बिलो का भुगतान किया गया न ही बाद के बिलो का।यही नही पॉलिसी के पुनः रिनिवल को भी रोक दिया गया।
महोदय,पूरे कथन में हमारा कोई दोष नहीं है।मैं चाहता हूं पूरे मामले की जांच कराकर कार्यवाही हो और। बिलो का भुगतान किया जाये। धन्यवाद।
निवेदक,सुनील कुमार जैन,छत्ता जम्बू दास, सहारनपुर, 2247001
प्रतिलिपि प्रेषित,हेड ऑफिस,बजाज एलियांज हाउस, पुणे,411006
प्रतिलिपि प्रेषित,पीएमओ।
दिनाँक, 03-03-2021
बजाज बीमा कम्पनी द्वारा झूठे आरोप
बहुत विडम्बना की बात है जब नामी-गिरामी बीमा कम्पनिया क्लेम न देने को उपभोक्ता पर झूठे आरोप लगाकर भुगतान नही करती।
मेरे साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है।मैं पिछले चार माह से बीमार हूँ।उपचार चल रहा है।बजाज हेल्थ इन्सुरेंस से बीमा पॉलिसी ले रखी है।लेकिम अब जरूरत पड़ने पर बजाज द्वारा झूठे आरोप लगाकर भुगतान करने से इनकार कर दिया गया है।
यह तो सरासर अन्याय है।इस विषय मे मैं पत्र लिखकर न्याय चाहता हूँ,एवम झूठे आरोप लगाने वालों को सजा चाहता हूँ।यह तो सरासर मानसिक उत्पीड़न है।
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