धोखेबाज़ चीन -चालबाज़ कोरोना -अनपढ़ शिक्षक https://suniljainrana.blogspot.com/
June 10, 2020 • सुनील जैन राना • राजनीति
चीन एक ऐसा देश जिसे अब अधिकांश देश धोखेबाज़ चीन की निगाह से देखते हैं। अपनी विस्तारवादी नीति के कारण चीन विश्व के कई देशो को आँखे दिखाता रहता है। ताइवान,हॉन्कॉन्ग,तिब्बत से लेकर भारत आदि के क्षेत्रों पर अपना अधिकार जमाता रहता है। भारत में अब मोदी सरकार ने चीन को लद्दाख से हटने को मजबूर कर दर्शा दिया है की यह पहले वाला भारत नहीं है। लेकिन चीन विश्वासघात करने से बाज़ नहीं आयेगा। अब समय आ गया है की अमेरिका समेत विश्व के कई देश चीन के खिलाफ रणनीति बनाकर चीन को सबक सिखाने का, तभी चीन बाज़ आयेगा।
चालबाज़ कोरोना - कोरोना को सस्ते में लो ना। भारत के राज्यों में कोरोना की गति मंद हो गई है तो कुछ राज्यों में कोरोना और अधिक फैलता जा रहा है। जिन शहरों में कोरोना का प्रकोप कम हो गया है वहां की जनता लापरवाह हो जाने से लगता है फिर से कोरोना अधिक मात्रा में फैलेगा और पुनः लॉक डाउन लगेगा। हम सभी को कोरोना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हम सबको भीड़ से बचना चाहिए ,मास्क आदि का उपयोग करना ही चाहिए ,बहुत जरूरत पर ही घर से निकलना चाहिए अन्यथा ?
सहायक शिक्षकों की भर्ती - उत्तर प्रदेश में काफी समय से सहायक शिक्षकों की भर्ती का मामला लटका पड़ा था जिसे अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेकर सुलझाया। जिसमे ६९००० सहायक शिक्षकों की भर्ती में ३७३३९ को छोड़कर बाकि का रास्ता साफ़ हुआ। इनमें कुछ शिक्षामित्र हैं बाकी सामान्य अभ्यर्थी हैं अन्य को १४जुलाई तक रोक लगाई गई है।
इस विषय में जनमानस का कहना है की शिक्षा में योग्यता से समझौता नहीं होना चाहिए। आज अनेको सरकारी स्कूलों में आधा लाख वेतन पाने वाले शिक्षकों को हिंदी -अंग्रेजी खुद पढ़ना -पढ़ना नहीं आता। कुछ जगह शिक्षकों ने अपनी जगह सस्ते में शिक्षक रख लिए और खुद ऐश कर रहे हैं। ऐसे में देश की भावी पीढ़ी को कैसी शिक्षा मिलेगी चिंतनीय बात है। ऐसे मे कम पढ़े -लिखे का शिक्षक बन जाना सभी के साथ अन्याय ही है। शिक्षा के क्षेत्र में योग्यता से समझौता करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण ही होगा। * सुनील जैन राना *
चालबाज़ कोरोना - कोरोना को सस्ते में लो ना। भारत के राज्यों में कोरोना की गति मंद हो गई है तो कुछ राज्यों में कोरोना और अधिक फैलता जा रहा है। जिन शहरों में कोरोना का प्रकोप कम हो गया है वहां की जनता लापरवाह हो जाने से लगता है फिर से कोरोना अधिक मात्रा में फैलेगा और पुनः लॉक डाउन लगेगा। हम सभी को कोरोना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हम सबको भीड़ से बचना चाहिए ,मास्क आदि का उपयोग करना ही चाहिए ,बहुत जरूरत पर ही घर से निकलना चाहिए अन्यथा ?
सहायक शिक्षकों की भर्ती - उत्तर प्रदेश में काफी समय से सहायक शिक्षकों की भर्ती का मामला लटका पड़ा था जिसे अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेकर सुलझाया। जिसमे ६९००० सहायक शिक्षकों की भर्ती में ३७३३९ को छोड़कर बाकि का रास्ता साफ़ हुआ। इनमें कुछ शिक्षामित्र हैं बाकी सामान्य अभ्यर्थी हैं अन्य को १४जुलाई तक रोक लगाई गई है।
इस विषय में जनमानस का कहना है की शिक्षा में योग्यता से समझौता नहीं होना चाहिए। आज अनेको सरकारी स्कूलों में आधा लाख वेतन पाने वाले शिक्षकों को हिंदी -अंग्रेजी खुद पढ़ना -पढ़ना नहीं आता। कुछ जगह शिक्षकों ने अपनी जगह सस्ते में शिक्षक रख लिए और खुद ऐश कर रहे हैं। ऐसे में देश की भावी पीढ़ी को कैसी शिक्षा मिलेगी चिंतनीय बात है। ऐसे मे कम पढ़े -लिखे का शिक्षक बन जाना सभी के साथ अन्याय ही है। शिक्षा के क्षेत्र में योग्यता से समझौता करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण ही होगा। * सुनील जैन राना *
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