बंद है कारोबार तो सेलरी कहां से दें ? https://suniljainrana.blogspot.com/
April 25, 2020 • सुनील जैन राना • जनहित
प्राकृतिक आपदा कोरोना बचने को लम्बे लॉक डाउन के कारण उद्योग -व्यापार धंधे सभी प्रभावित हो रहे हैं। अभी पता नहीं कब तक चलेगा लॉक डाउन? ऐसे में व्यापारी बिना कार्य कब तक अपने कर्मचारियों को सेलरी दे और कहां से दे?कार्यरत कर्मचारी को सेलरी न देना भी मानवता नहीं है लेकिन जिसका व्यापार पूर्ण रूप से बंद है ,जिसके नियमित खर्चे ज्यों के त्यों हैं वह कब तक बर्दास्त कर पायेगा यह लॉक डाउन ?
यह तो कार्यरत कर्मचारी की बात है लेकिन रोज कमाकर खाने वाला मज़दूर -रिक्शा ठेले वाला -सड़क किनारे फल-सब्ज़ी -खाद्य पदार्थ बेचकर अपना पेट भरने वाले के सामने तो संकट ही संकट है। मध्यम वर्ग तो हमेशा से ही समस्याओ से ग्रस्त रहता ही है ,ऐसे समय में वह अपनी परेशानी किसी को बयां भी नहीं कर सकता है। बड़े कारोबारियों की बड़ी समस्याएं ,छोटे कारोबारियों की भी बड़ी समस्या। बेरोजगारों की अपनी समस्या,रोज कमाकर खाने वालो की अपनी समस्या। सरकार किस -किस के लिए क्या -क्या सुविधा उपलब्ध करा पायेगी अभी पता नहीं। लेकिन सरकार जैसे किसानों के लिए फ़सल राहत -आपदा राहत योजनाएं बनाती है उसी तर्ज पर उपरोक्त लिए भी राहत देनी चाहिए।
पूर्ण बंद कारोबार के लिए कारोबारी को आधी सेलरी देने की राहत मिले। आपदा में कारोबारी और कर्मचारी दोनों सहयोगी बनें। बेहताशा सेलरी वालो की सेलरी का कुछ अंश पीएम केयर फण्ड में जाना जरूरी बनें। पेंशन आदि फंडों कटौती हो। राजकीय सेवा में कार्यरत माननीय एवं विधायक -सांसद आदि सयंम आगे बढ़कर योगदान करना ही चाहिए। इस आपदा के समय हम सभी सक्षम देश वासियों को तन -मन -धन से सरकार का सहयोग करना ही चाहिए। *सुनील जैन राना *
यह तो कार्यरत कर्मचारी की बात है लेकिन रोज कमाकर खाने वाला मज़दूर -रिक्शा ठेले वाला -सड़क किनारे फल-सब्ज़ी -खाद्य पदार्थ बेचकर अपना पेट भरने वाले के सामने तो संकट ही संकट है। मध्यम वर्ग तो हमेशा से ही समस्याओ से ग्रस्त रहता ही है ,ऐसे समय में वह अपनी परेशानी किसी को बयां भी नहीं कर सकता है। बड़े कारोबारियों की बड़ी समस्याएं ,छोटे कारोबारियों की भी बड़ी समस्या। बेरोजगारों की अपनी समस्या,रोज कमाकर खाने वालो की अपनी समस्या। सरकार किस -किस के लिए क्या -क्या सुविधा उपलब्ध करा पायेगी अभी पता नहीं। लेकिन सरकार जैसे किसानों के लिए फ़सल राहत -आपदा राहत योजनाएं बनाती है उसी तर्ज पर उपरोक्त लिए भी राहत देनी चाहिए।
पूर्ण बंद कारोबार के लिए कारोबारी को आधी सेलरी देने की राहत मिले। आपदा में कारोबारी और कर्मचारी दोनों सहयोगी बनें। बेहताशा सेलरी वालो की सेलरी का कुछ अंश पीएम केयर फण्ड में जाना जरूरी बनें। पेंशन आदि फंडों कटौती हो। राजकीय सेवा में कार्यरत माननीय एवं विधायक -सांसद आदि सयंम आगे बढ़कर योगदान करना ही चाहिए। इस आपदा के समय हम सभी सक्षम देश वासियों को तन -मन -धन से सरकार का सहयोग करना ही चाहिए। *सुनील जैन राना *
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