शनिवार, 28 जनवरी 2017
गुरुवार, 26 जनवरी 2017
बुधवार, 25 जनवरी 2017
मंगलवार, 24 जनवरी 2017
सोमवार, 23 जनवरी 2017
रविवार, 22 जनवरी 2017
शनिवार, 21 जनवरी 2017
शुक्रवार, 20 जनवरी 2017
गुरुवार, 19 जनवरी 2017
मौकापरस्त राजनीति
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भारतीय राजनीति में अधिकांश नेतागण अच्छे मौकों की
तलाश में रहते ही हैं। अच्छे मौकों से तातपर्य टिकट और
मंत्रालय से ही होता है।
मौकापरस्त राजनीति के माहिर तो अनेकों नेता लोग हैं
लेकिन इसमें सबसे चर्चित नाम दिल्ली के मुख्यमंत्री
अरविद केजरीवाल का भी आता है। हालांकि केजरीवाल
ने कभी दलबदल की राजनीति नहीँ की लेकिन वे बड़ी
चतुराई से किसी भी मौके को भुनाने से पीछे नहीँ हटते।
केजरीवाल दिल्ली की जनता से उपेक्षित होकर अब और
कहीं से सीएम बनना चाह रहे हैं। इसके लिए उन्होंने गोवा
और पंजाब में मौके ढूंढने शुरू कर दिए।
बुधवार, 18 जनवरी 2017
दलबदल की राजनीति
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चुनावों के मौसम में चल रही दलबदल
की राजनीति, जिससे हो रही जनता की
ऐसी की तैसी। नेताजी के समर्थक नही
जानते की वे किस पार्टी में हैं ,क्योंकि
कुछ पता नही उनके नेता कब पाला
बदल ले ?
नवजोत सिध्धू ने बीजेपी छोड़ी। जा रहे
थे केजरीवाल की आप में,लेकिन आप
वालो ने भाव नही दिया तो जा पहुँचे
कांग्रेस में। पहले देते थे कांग्रेस को
गालियाँ ,अब कहते हैं की मैं तो जन्मजात
कांग्रेसी हूँ।
यूपी के तो समाजवाद में ही बिखराव
हो गया। पिता मुलायम पर बेटा अखिलेश
भारी पड़ गया। उधर 27 साल जंगलराज
का नारा देने वाली कांग्रेस ने अपनी आबरू
बचाने को कथित जंगलराज वालो से ही
एक चौथाई से कम सीटों पर सुलह कर ली।
बस बीजेपी बहुमत से ना जीत जाये सभी
विरोधाभास के बावजूद इकट्ठे होना चाह रहे।
यही है डेमोक्रेसी -जिसमें जनता की हो रही
ऐसी की तैसी ?
मंगलवार, 17 जनवरी 2017
वाह रे राजनीति
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आज के दौर में राजनीति का विकृत चेहरा उजागर
हो रहा है। समय और सुविधाओं के साथ राजनीति
के मापदण्ड भी बदल रहे हैं।
वैसे तो यह कोई नई बात नही है। दलबदल तो हमेशा
से होता आया है। सभी दलों के लिए दलबदल कर
आया नेता चाहे दागी हो या बागी हो ,कोई बात नही
बस उसमे सीट जीतना की योग्यता होनी चाहिए।
अभी देश के पाँच राजयो में चुनाव होने हैं। सभी
दलों के नेतागण अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। सभी
का उद्देश्य जीतकर कुर्सी हासिल करना है। इसके लिए
साम -दाम ,दण्ड -भेद की नीति अपनाने से कोई
गुरेज दिखाई नही दे रहा है।
चिन्तक ---सुनील जैन राना
रविवार, 15 जनवरी 2017
सहिष्णुता
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ऐमेज़ॉन पर नेट पेमन्ट के जरिये भारतीय ध्वज
तिरंगे के रंग रूप जैसे पायदान मिल रहे थे।
हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आपत्ति के
बाद पायदान का तो पता नही लेकिन तिरंगे के
रंगरूप जैसे कैनवास के जूते मिलने शुरू हो गए।
अब तो और हद हो गई जब गांधीजी की फोटो
बनी चप्पल बिकने को आ गई।
विडम्बना की बात यह है की अभी भी हमारी
सरकार सहिष्णुता अपना रही है। यही नहीं
गांधीजी के चरखे पर राजनीति करने वाला
विपक्ष भी चप्पल पर गांधीजी को देखकर
असहिष्णुता भूलकर सहिष्णु हो गया है ?
ऐसा है मेरा भारत महान।
चिन्तक --सुनील जैन राना
शनिवार, 14 जनवरी 2017
शुक्रवार, 13 जनवरी 2017
बुधवार, 11 जनवरी 2017
शनिवार, 7 जनवरी 2017
शुक्रवार, 6 जनवरी 2017
गुरुवार, 5 जनवरी 2017
रविवार, 1 जनवरी 2017
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अलसी के फायदे
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