हाईकु
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ओघड़ कवि
मदमस्त रचना
शाश्वत विधा
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लिखे थे गीत
जब गुनगुनाये
मीत हो गये
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अभी कर ले
कल किसने देखी
अाज का कार्य
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ज्ञान का मान
कुज्ञानी का बखान
गर्त ले जाये
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