हाइकु
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सारे जग में
नहीं कोई माँ जैसा
सच है बात
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माँ ने दी दुआ
सरल हुआ कार्य
मिला संतोष
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मैं माताजी का
कर्ज कैसे चुकाऊँ
फर्ज निभाऊँ
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माँ के चरण
जब भी स्पर्स् किये
तीर्थ हो आया
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सारे जग में
नहीं कोई माँ जैसा
सच है बात
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माँ ने दी दुआ
सरल हुआ कार्य
मिला संतोष
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मैं माताजी का
कर्ज कैसे चुकाऊँ
फर्ज निभाऊँ
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माँ के चरण
जब भी स्पर्स् किये
तीर्थ हो आया
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