सोमवार, 28 अगस्त 2023

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बीजेपी पहले की और अब की

*दीपक चौरसिया ,ने लिखा है* *भाजपा मोदी से पहले और मोदी के बाद:* जब तक "भाजपा" "वाजपेयी" जी की "विचारधारा" पर चलती रही, वो "राम" के बताये "मार्ग पर" चलती रही। "मर्यादा", "नैतिकता", और "शुचिता", इनके लिए "कड़े मापदंड" तय किये गये थे। "परन्तु" कभी भी "पूर्ण बहुमत" "हासिल नहीं" कर सकी फिर होता है "नरेन्द्र मोदी" का "पदार्पण! ........ मर्यादा पुरुषोत्तम "राम के चरण" चिन्हों पर "चलने वाली भाजपा" को "मोदी जी", कर्मयोगी "श्री कृष्ण" की राह पर ले आते हैं ! श्री कृष्ण "अधर्मी" को "मारने में" किसी भी प्रकार की "गलती नहीं" करते हैं। ........... "छल हो" तो "छल से", "कपट हो" तो "कपट से", "अनीति हो" तो "अनीति से", "अधर्मी" को "नष्ट करना" ही उनका "ध्येय" होता है! "इसीलिए" वो अर्जुन को "केवल कर्म" करने की शिक्षा देते हैं ! "बिना सत्ता" के आप "कुछ भी नहीं" कर सकते हैं ! इसलिए "कार्यकर्ताओं" को चाहिए कि "कर्ण" का "अंत करते" समय कर्ण के "विलापों पर" ध्यान ना दें! ......... केवल "ये देखें" कि "अभिमन्यु" की "हत्या के समय" उनकी "नैतिकता" "कहाँ" चली गई "थी" ? कर्ण के "रथ" का "पहिया" जब "कीचड़" में धंस गया, तब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा: पार्थ, देख क्या रहे हो ? ...... इसे समाप्त कर दो! "संकट" में घिरे "कर्ण ने" कहा: यह तो "अधर्म "है ! भगवान "श्री कृष्ण" ने कहा: "अभिमन्यु" को घेर कर "मारने वाले", और "द्रौपदी" को भरे दरबार में "वेश्या" कहने वाले के "मुख से" आज "धर्म की" बातें करना "शोभा" नहीं देता है !! आज "राजनीतिक" गलियारा जिस तरह से "संविधान" की "बात" कर रहा है, तो "लग रहा" है जैसे हम "पुनः" "महाभारत युग" में आ गए हैं ! "विश्वास रखो", महाभारत का "अर्जुन नहीं चूका" था ! "आज का अर्जुन" भी नहीं चूकेगा ! यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत! अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ! "चुनावी जंग" में "अमित शाह" जो कुछ भी "जीत" के लिए "पार्टी" के लिए कर रहे हैं, वह "सब उचित" है! साम, दाम, दण्ड , भेद ,राजा या क्षत्रिय द्वारा अपनाई जाने वाली नीतियाँ हैं, जिन्हें उपाय-चतुष्टय (चार उपाय) कहते हैं ! राजा को राज्य की व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने के लिये सात नीतियाँ वर्णित हैं ! राजनीतिक गलियारे में ऐसा "विपक्ष नहीं" है, जिसके साथ "नैतिक-नैतिक" खेल "खेला जाए"! सीधा "धोबी पछाड़" ही "आवश्यक" है ! एक बात और! "अनजाना इतिहास" बात "1955" की है! " "सउदी" अरब के बादशाह "शाह-सऊदी" प्रधान मंत्री "जवाहरलाल नेहरू" के "निमंत्रण पर" "भारत आए" थे; वे 4 दिसम्बर 1955 को दिल्ली पहुँचे, "शाह-सऊदी" दिल्ली के बाद, "वाराणसी" भी गए! "सरकार ने" दिल्ली से "वाराणसी" जाने के लिए, "शाह-सऊदी" के लिए एक "विशेष ट्रेन" में, "विशेष कोच" की व्यवस्था की! शाह सऊदी "जितने दिन" वाराणसी में रहे "उतने दिनों" तक "बनारस" की सभी "सरकारी इमारतों" पर "कलमा तैय्यबा" लिखे हुए "झंडे लगाए" गए थे! "वाराणसी में" जिन-जिन रास्तों-सडकों से "शाह-सऊदी " को "गुजरना" था, उन सभी "रास्तों-सड़कों" में पड़ने वाले मंदिरों और मूर्तियों को पर्दों से ढक दिया गया था! इस्लाम की तारीफ़ में, और हिन्दुओं का मजाक उड़ाते हुए शायर "नज़ीर बनारसी" ने एक शेर कहा था: -👇🏻 अदना सा ग़ुलाम उनका, गुज़रा था बनारस से, मुँह अपना छुपाते थे, ये काशी के सनम-खाने! अब खुद ही सोचिये कि क्या आज मोदी और योगी के राज में, किसी भी बड़े से बड़े तुर्रम खान के लिए, ऐसा किया जा सकता है ? आज ऐसा करना तो दूर, करने के लिए सोच भी नहीं सकता! हिन्दुओ, उत्तर दो, तुम्हें और कैसे अच्छे दिन चाहिए ? आज भी बड़े बड़े ताकतवर देशों के प्रमुख भारत आते हैं, और उनको वाराणसी भी लाया जाता है! लेकिन अब मंदिरों या मूर्तियों को छुपाया नहीं जाता है, बल्कि उन विदेशियों को गंगा जी की आरती दिखाई जाती है, और उनसे पूजा कराई जाती है! *जब था कांग्रेसियों का हिंदुत्व दमन!* *अब है भा ज पा का *"लक्ष्य : हिंदुत्व के द्वारा हिंदू राष्ट्र"* *कम से कम पांच ग्रुपों में फॉरवर्ड करें! जी कुछ को मैं जगाता हूँ! कुछ को आप जगाऐं! 🚩 राष्ट्रधर्म :सर्वोपरि 🚩 साभार

शुक्रवार, 25 अगस्त 2023

चन्द्रयान -3

मिशन चन्द्रयान-3 की कामयाबी मिशन चन्द्रयान-3 के विक्रम लेंडर का चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाबी से उतरना अभूतपूर्व ऐतिहासिक क्षण था। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़ गई है। देश- विदेश से बधाइयों के सन्देश इसरो को मिल रहे हैं। इसरो की स्थापना भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिये 1969 में विक्रम सारा भाई जैन के द्वारा की गई थी। उन्ही के नाम पर चन्द्रयान का नाम विक्रम लेंडर रखा गया। चन्द्रयान के प्रज्ञान रोवर के द्वारा चन्द्रमा पर जीवन, पानी, खनिज आदि की जानकारी एकत्र की जायेगी। चन्द्रयान-3 की सफलता से देश का मान बढ़ा है। देश के वैज्ञानिकों का मान बढ़ा है। देश की कम्पनियों के मान बढ़ा है। देश भर में चन्द्रयान-3 की कामयाबी का जश्न मनाया जा रहा है। सम्पूर्ण विश्व से चन्द्रयान-3 की सफलता के बाद बधाई के सन्देश मिल रहे हैं। सफलता के नई कहानी लिखी जा रही है। वो भी क्या समय रहा होगा जब चन्द्रयान-3 से निकलकर रोवर प्रज्ञान ने चन्द्र की धरती पर चहलकदमी करते हुए अपने पहियों से राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ की छाप छोड़ी होगी। इसरो के वैज्ञानिक इतने पर ही संतोष नहीं कर रहे। मोदीजी ने इसरो कब वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए बताया की सूर्य मिशन की तैयारियां भी तेज़ी से चल रही हैं। शीघ्र ही आदित्य एल-1 सूर्य की जानकारियां एकत्र करने के लिये छोड़ा जायेगा जो पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर जाकर अध्ययन करेगा। सूर्य के बारे में जानकारियां एकत्र करेगा। सुनील जैन राना

सोमवार, 14 अगस्त 2023

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उत्तम विचार

*चार वेदो का अर्थ ना जानो तो कोई बात नहीं!* *परंतु* *"समझदारी, जवाबदारी, वफ़ादारी, और ईमानदारी,* *ये चार शब्दों का मर्म जानों तो भी जीवन सार्थक हो जाये!!* 🌼🌼 *गुस्सा भी उस पर किया जाता है* *जिस पर अपना हक हो* *वरना गैरो से कौन नाराज होता है!!*

रविवार, 13 अगस्त 2023

जेनेरिक दवाई जरूरी

जेनेरिक दवाएं लिखना होगा अनिवार्य देश मे दवाओं की बढ़ती कीमतों के कारण गरीब आदमी अक्सर झोला छाप डॉक्टरों से ईलाज कराने को मजबूर रहता है। बड़े प्राइवेट डॉक्टर तो बड़ी कम्पनियों की महंगी दवाइयां ही लिखते हैं जो आम आदमी का बजट बिगाड़ देती हैं। सरकार ने इस समस्या का निदान सस्ती जेनेरिक दवाइयों के जरिये जनता को राहत देने का लिये प्रत्येक नगर, शहर में जेनेरिक दवा की दुकानें खुलवा दी हैं। लेकिन फिर भी डॉक्टरों ने कभी भी जेनेरिक दवाओं को प्राथमिकता नहीं दी। हमेशा महंगी ब्रांडेड दवाएं लिखते रहे हैं। इतना ही नहीं अनेको डॉक्टर तो ब्रांडेड दवाओं के साल्ट जैसी दूसरे नाम से अपनी दवाइयां मनमाने प्रिंट पर बनवाकर पेशेंट को दे रहे हैं। कोई उन्हें कहने सुनने वाला नहीं है। इन सब बातों की रोकथाम के लिये ही अब सरकार ने सभी चिकित्सको को जेनेरिक दवाएं लिखने को अनिवार्य कर दिया है। यदि कोई चिकित्सक ऐसा नहीं करता तो उसे दण्डित करने का प्रावधान किया है। चिकित्सक का लाइसेंस तक कैंसिल हो सकता है। जनहित में यह बहुत अच्छा सरकार का निर्णय है। बस जरूरी यह है की सभी दवाएं जेनेरिक में भी उपलब्ध होनी चाहिये और उनकी गुणवत्ता ब्रांडेड दवाई जैसी ही होनी चाहिये। तभी सरकार का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। आम गरीब जन को बहुत राहत मिलेगी। सुनील जैन राना

शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

कैसा गठबन्धन?

राजस्थान में हैवानियत, लाल डायरी गायब देश भर में बलात्कार और मर्डर के मामले बढ़ रहे हैं। मणिपुर में हिंसा और जघन्य अपराध अभी थमे भी नहीं है कि राजस्थान के उदयपुर में एक लड़की का सामूहिक बलात्कार कर उसे भट्टी में जला दिया एवं दूसरी लड़की से सामूहिक बलात्कार कर उसे सुनसान जगह पर छोड़ दिया। मणिपुर घटना पर गठबन्धन के चिंता व्यक्त करने वाले किसी भी नेता ने राजस्थान की कांग्रेस गहलोत सरकार पर हल्ला नहीं मचाया। यह कैसे नेतागण हैं? क्या इनका एकमात्र लक्ष्य सत्ता प्राप्त कर बीजेपी को बाहर करना ही है। बीजेपी शासित राज्यों की घटना को तूल देना अन्य राज्यों की घटना पर चुप रहना। राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार के गलत कार्यों को देख उनके एक मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने विरोध किया तो तत्काल प्रभाव से उन्हें बर्खास्त कर दिया। यही नहीं उनके बंगले पर दबिश दी गई। इस पर भी ईडी के दुरुपयोग का इल्जाम लगाने वाले गठबन्धन के सभी नेता चुप हैं। यही नहीं बर्खास्त मंत्रीजी की लाल डायरी भी छीन ली गई जिसमें गहलोत सरकार के काले कारनामों का लेखजोखा बताया जा रहा है। इन सब बातों को देखकर यही दिखाई दे रहा है की गठबंधन सिर्फ सत्ता प्राप्ति को बना है। देश की समस्या या विकास का कोई रास्ता इनके पास नहीं है। सिर्फ साम-दाम-दंड से बीजेपी को सत्ता से बाहर कर खुद सत्ता हथियाना ही उद्देश्य है। सुनील जैन राना

वरिष्ठ नागरिक

*ध्यान से पढ़ें* *कृपया पढ़ना न छोड़ें* *👏जब बूढ़े लोग बहुत अधिक बात करते हैं तो उनका मजाक उड़ाया जाता है, लेकिन डॉक्टर इसे आशीर्वाद के...