शनिवार, 28 दिसंबर 2024

मौत के सौदागर

मौत के सौदागर नकली दवाई बनाने वाले या दवाई की गुणवत्ता में कमी करने वाले मौत के सौदागर ही कहलायेंगे। दिल्ली, देशभर से 111 दवाओं के सैम्पल लिये गए। जिनमे से 109 दवाओं में गुणवत्ता की कमीं पाई गई एवं 2 दवाई नकली पाई गई। यह जांच स्वास्थ्य मंत्रालय में सेंटर ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की लैब में हुई। ज्यादा मुनाफ़े के चक्कर मे दवा बनाने वाली कम्पनियां दवाई में महंगे साल्ट कम डालती हैं या बिल्कुल डालती ही नहीं हैं। कुछ कम्पनियां नकली दवाइयां बनाकर बेच रही हैं। ऐसा करने वाली कम्पनियां छोटे रूप में छोटे शहरों में काम करती हैं। दवाई बेचने वाले बड़े होलसेलरो से इनकी साँठ गांठ रहती है। जिस दवाई की बल्क में सेल हो होलसेलर उनकी स्ट्रिप इनको देकर मोटा ऑर्डर देते हैं। दवाई बनाने वाली कम्पनी हूबहू वैसी ही पैकिंग में नकली दवाई या कम गुणवत्ता की दवाई बनाकर होलसेलरो को दे देते हैं। सूत्र बताते हैं की करनाल, मुजफ्फरनगर आदि जगह में भी ऐसी दवा बनाने वाली कम्पनियां कार्यरत हैं। कितना बड़ा अपराध है ऐसा करना। यह तो सीधा स्लो पॉइजन ही तो है। मरीज जाता है अस्पताल में ठीक होने, डॉक्टर भी दवाई देते है ठीक होने की। लेकिन दवाई असली मिले तभी तो ठीक होंगे। दरअसल दवा बनाने वाली छोटे स्तर की कम्पनियों की नियमित जांच नहीं होती। कुछ अधिकारियों से मिलीभगत के चलते कुछ भी बनाने की छूट मिल जाती है। यही सबसे बड़ा कारण है नकली दवाई बनाये जाने का। नकली दवाई के सैम्पिल फेल होने पर कम से कम 10 साल की सज़ा या उम्र कैद का प्रावधान है। लेकिन जब तक यह प्रक्रिया पूर्ण होगी तब तक न जाने कितनों की जिंदगी से खिलवाड़ हो चुका होगा। इन मानवता के दुश्मनों के जब नकली दवाई खाकर अपने मरेंगे इनको शायद तभी अक्ल आयेगी।

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